इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए 'बड़ी खुशखबरी', मोदी सरकार ने उठाया ये कदम
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नई दिल्ली : सरकार ने व्यक्तिगत और ऑडिट की अनिवार्यता के नियम के दायरे में न आने वाले आयकरदाताओं के लिए आकलन वर्ष 2018-19 का आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख एक महीने बढ़ाकर 31 अगस्त, 2018 कर दी है। नए आयकर रिटर्न फॉर्म को अप्रैल के शुरू में अधिसूचित किया गया था। ऐसे करदाताओं जिनके खातों का आडिट नहीं होना है। उन्हें अपना ई- आयकर रिटर्न 31 जुलाई तक भरना था।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘इस मामले पर विचार के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस श्रेणी के करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। दिल्ली के चार्टर्ड एकाउंटेंट आरके गौड़ ने कहा कि इस निर्णय से व्यक्तिगत, वेतनभोगी और आडिट की अनिवार्यता में न आने वाले छोटे कारोबारियों को सुविधा होगी।
इस बीच, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर नागरिकों से आगे बढ़ाई गई तारीख तक अपने करों का भुगतान करने की अपील की है। गोयल ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख एक महीने बढ़ाई गई है। मैं करदाताओं से अपील करता हूं कि वे निर्धारित तारीख तक अपना आयकर जमा कराएं।
नांगिया एडवाइजर्स एलएलपी के पार्टनर सूरज नांगिया ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर कर विभाग ने करदाताओं तथा कर पेशेवरों के समक्ष आकलन वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने में आ रही कानूनी, तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 5 फायदे …
फायदा नंबर 1- बिजनेस के लिए जरूरी
अगर आप नौकरी करते हैं और बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं तो आईटीआर फाइल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। आप कारोबार शुरू करने जा रहे हैं या आप कोई कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको आईटीआर दिखाना पडेगा। किसी सरकारी विभाग में ठेका हासिल करने के लिए भी पिछले पांच साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जाता है।
फायदा नंबर 2- बैंक से लोन और क्रेडिट कार्ड लेना
नियमित तौर पर आईटीआर फाइल करने वाले लोगों को बैंक से किसी प्रकार का लोन या क्रेडिड कार्ड लेने में परेशानी नहीं होती। आजकल तेजी से बढ़ती धोखाधड़ी के बीच बैंकों की तरफ से पूरी जांच पड़ताल के बाद ही लोन दिया जाता है। अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको कार या होम लोन आसानी से मिल जाता है।
फायदा नंबर 3- ज्यादा बीमा कवर मिलने में आसानी
समय से और नियमित रूप से आईटीआर फाइल करने वाले अगर एक करोड़ रुपये का इंश्योरेंस कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो इंश्योरेंस कंपनियां आपसे आईटीआर प्रूफ मांग सकती हैं। आईटीआर प्रूफ दिखाने से आपको आसानी से टर्म प्लान मिल जाता है।
फायदा नंबर 4- वीजा पाने में सुविधा
अगर आप कारोबार या नौकरी के लिए विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए आईटीआर जरूरी है। बहुत से विदेशी दूतावास वीजा एप्लिकेशन के साथ पिछले दो साल का आईटीआर मांगते हैं। अगर आप नियमित आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपकी विदेश जाने की प्लानिंग अधर में लटक सकती है।
फायदा नंबर 5- पते का पक्का सबूत
ऊपर बताए गए फायदों के अलावा आईटीआर की कॉपी आपके लिए रेजिडेंशन या पते के प्रूफ के रूप में काम करती है। अगर आपके पास अभी भी कोई रेसिडेंशल प्रूफ नहीं है तो आप इसका उपयोग सभी सरकारी कामों में कर सकते हैं।