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Air India हादसे में बड़ा खुलासा, इस वजह से क्रैश हुआ था विमान

Air India हादसे में बड़ा खुलासा, इस वजह से क्रैश हुआ विमान

07:24 AM Jun 18, 2025 IST | Amit Kumar

Air India हादसे में बड़ा खुलासा, इस वजह से क्रैश हुआ विमान

air india हादसे में बड़ा खुलासा  इस वजह से क्रैश हुआ था विमान

इस हादसे में कुल 270 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर थे. इसके अलावा कुछ मेडिकल छात्र व अन्य लोग भी इस हादसे की चपेट में आए. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, हालांकि बोइंग ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले की जांच कर रही टीम को एक अहम सुराग हाथ लगा है. जांचकर्ताओं को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दुर्घटना के समय विमान का इमरजेंसी पावर सिस्टम यानी रैम एयर टरबाइन (RAT) एक्टिव था. इस खुलासे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या टेक-ऑफ के दौरान ही दोनों इंजन फेल हो गए थे या किसी अन्य तकनीकी सिस्टम में गंभीर खराबी आई थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में कुल 270 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर थे. इसके अलावा कुछ मेडिकल छात्र व अन्य लोग भी इस हादसे की चपेट में आए. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, हालांकि बोइंग ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

क्या होता है रैम एयर टरबाइन (RAT)?

हर बड़े विमान में एक बैकअप पावर सिस्टम होता है जिसे रैम एयर टरबाइन कहा जाता है. यह एक छोटा सा प्रोपेलर होता है जो विमान के पिछले हिस्से में होता है और जब मुख्य इंजन या पावर सिस्टम फेल हो जाते हैं, तब यह सक्रिय होकर विमान के जरूरी सिस्टम को बिजली और हाइड्रोलिक पावर देता है. आमतौर पर इसकी जरूरत तभी पड़ती है जब इंजन फेल हो जाएं.

RAT कब होता है एक्टिव?

रैट सिस्टम खुद ही एक्टिव हो जाता है जब दोनों इंजन बंद हो जाएं या हाइड्रोलिक प्रेशर गिर जाए. इसके अलावा, यदि कॉकपिट में बिजली चली जाए या इलेक्ट्रिक मोटर पंप में खराबी आए तो भी यह चालू हो सकता है. पायलट भी चाहें तो इसे मैन्युअली एक्टिव कर सकते हैं.

हादसे में बचे जीवित की आपबीती

हादसे में जीवित बचे एक यात्री विश्वास कुमार ने बताया कि टेक-ऑफ के बाद विमान रुकने जैसा लगा, फिर जोर की आवाजें आईं और विमान नीचे गिरने लगा. इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उसी समय रैट सिस्टम एक्टिव हो गया था. एयर कमोडोर ए एस बहल ने भी इस संभावना को खारिज नहीं किया है.

एक्स्पर्ट्स के अनुसार, RAT एक बैकअप सिस्टम है जो सीमित समय तक सीमित सिस्टम को पावर देता है. इतने बड़े विमान को हवा में बनाए रखने के लिए इसकी क्षमता पर्याप्त नहीं होती. पायलट अंतिम समय तक प्रयास करते रहे, लेकिन विमान एक इमारत से टकरा गया. यदि रनवे के सामने खुला मैदान होता, तो शायद स्थिति बेहतर होती.

एडवांस्ड इंजन के बावजूद क्यों हुआ हादसा

बोइंग 787 में बेहद एडवांस इंजन लगे होते हैं, जो एक इंजन के सहारे भी विमान को उड़ने की क्षमता देते हैं. लेकिन एक्स्पर्ट्स का मानना है कि कहीं न कहीं किसी तकनीकी खामी को नजरअंदाज किया गया होगा. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि बोइंग के कुछ अधिकारियों ने सुरक्षा से जुड़े शॉर्टकट्स को लेकर चिंता जाहिर की थी.

क्या हुआ था उस दिन?

फ्लाइट ने सामान्य रूप से उड़ान भरी और 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गई थी. लेकिन उड़ान भरने के 50 सेकंड के भीतर ही इसका ट्रांसपोंडर डेटा बंद हो गया. ‘MayDay’ कॉल के तुरंत बाद पायलट से संपर्क टूट गया और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह हादसा कई तकनीकी और प्रशासनिक सवाल खड़े करता है, जिनकी तह तक पहुंचना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके.

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Amit Kumar

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