बिहार: विवादों में घिरे कार्तिक कुमार का मंत्री पद से इस्तीफा, RJD कर रही छवि बदलने की कोशिश
बिहार में महागठबंधन की सरकार में विवादों में घिरे कार्तिक कुमार को मंत्री बनने के एक पखवारे में इस्तीफा देना पड़ा। कार्तिक कुमार के इस्तीफे को राजद की छवि बदलने की मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है।
01:02 PM Sep 01, 2022 IST | Desk Team
बिहार में महागठबंधन की सरकार में विवादों में घिरे कार्तिक कुमार को मंत्री बनने के एक पखवारे में इस्तीफा देना पड़ा। कार्तिक कुमार के इस्तीफे को राजद की छवि बदलने की मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जिस तरह विपक्ष ने ‘जंगल राज’ के मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू किया है, उससे यह माना जा रहा है भाजपा अपराध को लेकर ही सरकार को घेरेगी तथा लोगों के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर जनमत तैयार करेगी कि लालू राज से इस सरकार में कुछ नहीं बदला।
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भाजपा, राजद की पुरानी छवि को दिखाकर ही लोगों को एकजुट करने का प्रयास करेगी। इधर, राजद उस पुरानी छवि को बदलने का हर संभव प्रयास कर रही है। इस कारण राजद के रणनीतिकार ऐसा कोई भी मौका भाजपा को नही देना चाहेंगे। सरकार बनने के बाद ही भाजपा ने कार्तिक कुमार, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव के मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। बुधवार की सुबह कार्तिक कुमार का विभाग बदलते हुए कानून मंत्री की जगह उन्हे गन्ना उद्योग विभाग दिया गया। रात में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
सुशील मोदी लगातार राजद पर बोल रहे हमला
वही, कार्तिक कुमार पर अपहरण के एक मामले में अदालत द्वारा वारंट जारी किया गया है। कार्तिक के 16 अगस्त के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि फिर लौटा लालू राज। भाजपा के नेता खासकर पूर्व उप मुख्यमंत्री मोदी नीतीश मंत्रिमंडल के दागी सदस्यों को लेकर हमलावर हैं। पिछले दिनों संवाददाता सम्मेलन कर मंत्री सुधाकर सिंह, रामानंद यादव और सुरेंद्र यादव पर कई तरह के आरोप लगा चुके हैं।
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इसी के साथ राजद के नेता इस मामले पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है। भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन राजद के दबाव में आरोपियों को मंत्री बनाया गया। उन्होंने कहा कि अजब खेल है, गजब है तमाशा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक दांव में राजद के नेता चारों खाने चित हो गए। अपराध का आरोपी बना कानून मंत्री, फिर कानून मंत्री को गन्ना मंत्री बनाया, अतत़़: गन्ना मंत्री से इस्तीफा दिलवाया। अब कृषि मंत्री की बारी है।
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