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बिहार (Bihar): भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता और बिहार के विपक्षी महागठबंधन की अहम शख्सियत महबूब आलम ने शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की।
Highlights:
राजग सरकार के विश्वास मत हासिल करने से लगभग 48 घंटे पहले हुई इस बैठक को लेकर हालांकि दोनों खेमों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बैठक में ‘‘कुछ भी राजनीतिक नहीं’’ था। यह बैठक यहां मांझी के आवास पर हुई। आलम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मांझी जी हमारे अभिभावक हैं। वरिष्ठ नेता हैं, जिनसे हम नियमित रूप से मिलते रहते हैं। पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए मैं आया और यह देखकर खुशी हुई कि अब वह ठीक हैं।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने चाय पी थी, तो वामपंथी नेता ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘हां, हमने चाय पी, हमने कॉफी भी पी। मांझी जोश में हैं और वह अच्छा खेल दिखाएंगे।’ उल्लेखनीय है कि ‘‘खेल’’ शब्द बिहार में तब से चर्चा का विषय बन गया है, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने जनता दल (यूनाइटेड) से गठबंधन टूटने के बाद घोषणा की था कि ‘‘खेला अभी बाकी है।’’

अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेजस्वी के पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद विश्वास मत के दौरान राजग की बाजी पलटने के लिए अपनी कुशलता का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, आलम ने यह भी कहा, ‘‘मैंने सामान्य लहजे में खेल शब्द का उल्लेख किया है। कृपया ध्यान दें कि हम किसी गुप्त रणनीति में शामिल नहीं हैं।’’ मांझी की पार्टी के केवल चार विधायक हैं। मांझी ने हाल में यह दावा किया था कि उन्हें राजद से मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मांझी ने मंत्रिमंडल में एक और पद की मांग की है। फिलहाल मांझी के बेटे संतोष सुमन मंत्री हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी बैठक के बारे में टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। हम के उपाध्यक्ष और विधायक अनिल कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक अनौपचारिक बैठक थी। विभिन्न दलों के नेता मांझी से मिलने आते रहते हैं। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।’’ उन्होंने विश्वास मत से ठीक दो दिन पहले होने वाली बैठक के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हमारी पार्टी एकजुट है और राज्य में राजग और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के साथ बने रहने के मांझी के फैसले के साथ 100 प्रतिशत है।’’