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Bihar Election 2025: निर्वाचन आयोग ने दी गुड न्यूज, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए मिलेंगे इतने दिन और

05:43 PM Jul 24, 2025 IST | Shivangi Shandilya
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Bihar Election 2025

Bihar Election 2025: बिहार में चल रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण का कार्य समाप्ति की ओर है। इस बीच, विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि सरकार वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटा रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा।

कब से कब तक जुड़ेंगे नाम?

Bihar Election 2025
Bihar Election 2025

इसी क्रम में भारत निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक, मतदाता या किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को यह अवसर दिया जाएगा कि वे बीएलओ या बीएलए द्वारा हुई किसी त्रुटि को सुधारने के लिए आवेदन दे सकें। (Bihar Election 2025) यदि किसी पात्र मतदाता का नाम छूट गया हो या किसी अयोग्य व्यक्ति का नाम जोड़ दिया गया हो. तो उसकी जानकारी देकर सुधार कराया जा सकेगा। यह व्यवस्था एसआईआर आदेश के पृष्ठ 3. पैरा 7(5) के तहत लागू होगी। वोटर लिस्ट से वंचित लोगों के पास एक बार फिर से नाम जुड़वाने के लिए महीने का समय रहेगा।

निर्वाचन आयोग ने दी जानकारी

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 99 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। (Bihar Election 2025) 20 लाख मृतक मतदाता, 28 लाख स्थायी प्रवासी मतदाता और 7 लाख से अधिक दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता चिन्हित किए गए हैं। करीब 1 लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल पाया है। 15 लाख से अधिक मतदाताओं ने अभी तक फॉर्म नहीं भरा है। कुल 7.17 करोड़ मतदाताओं (90.89%) के फॉर्म प्राप्त होकर डिजिटाइज किए जा चुके हैं।

एसआईआर के तहत क्या-क्या आया सामने

एसआईआर के तहत, अब तक जो मतदाता या तो गलत तरीके से सूची में शामिल हैं या जिन्होंने अभी तक अपना फॉर्म नहीं भरा है, उनकी सूचियां 20 जुलाई को बिहार के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स को सौंप दी गई हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखते हुए सुधार प्रक्रिया में राजनीतिक सहभागिता को बढ़ाना है।

सही से तैयार किए जाएंगे मतदाता सूची

बता दें कि चुनाव आयोग का स्पष्ट संदेश है कि कोई भी योग्य मतदाता वंचित न रह जाए और कोई भी अयोग्य नाम सूची में न जुड़ पाए। विपक्ष की आपत्तियों के बीच आयोग की पारदर्शी प्रक्रिया और तकनीकी सहायता बिहार में एक अधिक भरोसेमंद और सटीक मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में मजबूत कदम है।

 

यह भी पढ़ें :Bihar Election 2025: ‘चुनाव बहिष्कार’ हुआ तो क्या विपक्ष के बिना भी हो सकते हैं चुनाव? जानिए क्या कहता है नियम?

 

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Shivangi Shandilya

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