Bihar Election: दूसरे चरण के मतदान जारी, क्या 2020 की तरह फिर जलवा दिखा पाएंगे ओवैसी या डूबेगी नैया? समझे इन 15 सीटों पर मुस्लिम वोटों का गणित
Bihar Election 2nd Phase Voting: बिहार में आज विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है। इस चरण में कुल 122 सीटों पर वोटिंग हो रही है। इन सीटों में सीमांचल की 24 सीटें सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई है, क्योंकि 2020 में इसी क्षेत्र में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पांच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। इस बार ओवैसी की पार्टी सीमांचल की 15 सीटों पर किस्मत आजमा रही है। अब देखना होगा कि क्या वे पिछली बार की तरह इस बार भी अपनी पकड़ बना पाएंगे या नहीं।
Bihar Election 2nd Phase Voting: सीमांचल का सियासी समीकरण
सीमांचल बिहार के उत्तर-पूर्व में स्थित है और इसमें किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले शामिल हैं। इन इलाकों में मुस्लिम आबादी करीब 47 प्रतिशत है, जो कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाती है। 2020 में यहां AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार उसने कुल 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें दो गैर-मुस्लिम उम्मीदवार भी शामिल हैं।
महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस 12, आरजेडी 9, वीआईपी 2 और सीपीआई(एमएल) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, एनडीए में बीजेपी 11, जेडीयू 10 और एलजेपी (रामविलास) तीन सीटों पर मैदान में है। इस तरह मुकाबला चार प्रमुख दलों के बीच त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय हो गया है।

Bihar Election 2025: ओवैसी की राजनीति और सीमांचल
ओवैसी ने सीमांचल के जरिए बिहार की राजनीति में कदम रखा था। 2020 में उनकी पार्टी ने पांच सीटें जीतकर बड़ा असर दिखाया था, अमौर, बहादुरगंज, बायसी, जोकीहाट और कोचाधामन। लेकिन बाद में इन पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए।
इस बार ओवैसी खुद अमौर से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उन्होंने 2020 में करीब 52 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। हालांकि इस बार हालात 2020 जैसे नहीं हैं, क्योंकि कांग्रेस और आरजेडी दोनों ने मुस्लिम बहुल इलाकों में मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं।

Bihar Chunav 2025 Voting Day: महागठबंधन की रणनीति
सीमांचल की सीटें मुस्लिम वोटरों पर निर्भर करती हैं। किशनगंज में 67%, कटिहार में 42%, अररिया में 41% और पूर्णिया में 37% मुस्लिम आबादी है। यही वजह है कि कांग्रेस और आरजेडी ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन और सपा नेता अफ़ज़ाल अंसारी ने यहां प्रचार कर ओवैसी की राजनीति को चुनौती दी। इकरा हसन ने मुस्लिम वोटरों से अपील की कि अगर वोट बिखरे तो बीजेपी को फायदा मिलेगा और इस बार पार्टी खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा करने की कोशिश करेगी।

ओवैसी के सामने सियासी चुनौतियां
ओवैसी की सियासत अब सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है; वे देशभर में मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी पार्टी को विस्तार देना चाहते हैं। लेकिन सीमांचल में उन्हें सबसे बड़ी चुनौती यही है कि महागठबंधन ने मुस्लिम वोटों को एकजुट रखने के लिए रणनीतिक तरीके से प्रचार किया है। इमरान प्रतापगढ़ी और अफ़ज़ाल अंसारी ने ओवैसी पर आरोप लगाया कि वे मुसलमानों के वोट बांटकर बीजेपी को फायदा पहुँचा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: बिहार में दूसरे फेज की वोटिंग आज; इन जिलों में होगा मतदान; जानें टॉप 5 सीटों पर क्या है सियासी समीकरण!

Join Channel