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बिहार सरकार कोषागार लेखा निदेशालय को पुनर्गठित करेगी : सुशील मोदी

सुशील ने कहा कि प्रदेश सरकार चारा घोटाले के कारण बंद कर दिए गए कोषागार एवं लेखा निदेशालय को पुनर्गठित करने का निर्णय लेने जा रही है।

02:24 PM Jul 02, 2019 IST | Desk Team

सुशील ने कहा कि प्रदेश सरकार चारा घोटाले के कारण बंद कर दिए गए कोषागार एवं लेखा निदेशालय को पुनर्गठित करने का निर्णय लेने जा रही है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश सरकार चारा घोटाला के कारण बंद कर दिए गए कोषागार एवं लेखा निदेशालय को पुनर्गठित करेगी। बिहार विधानसभा में वित्त वर्ष 2019 – 20 के दो लाख 501 करोड़ रूपये के आय- व्ययक पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए सुशील ने कहा कि प्रदेश सरकार चारा घोटाले के कारण बंद कर दिए गए कोषागार एवं लेखा निदेशालय को पुनर्गठित करने का निर्णय लेने जा रही है। 
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उन्होंने चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और रांची में इलाजरत प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद का जिक्र करते हुए कहा कि पशुपालन विभाग में चारा घोटाला के कारण तत्कालीन सरकार ने कोषागार एवं लेखा निदेशालय को भंग कर दिया था । सुशील ने कहा कि बिहार के सभी कोषागार के अब आनलाईन हो जाने के मद्देनजर उपकोषागार की आवश्यकता नहीं रह जाने को देखते हुए धीरे धीरे उनकी संख्या को हम कम करेंगे और एक अप्रैल 2020 से सभी उपकोषागारों को बंद कर दिया जाएगा । 
उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 2 लाख 26 हजार कर्मचारियों का डेटा बेस तैयार किया जा चुका है और अब उन्हें अपना बिल पास कराने से लेकर वेतन के लिए कोषागार के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे । सुशील ने कहा कि इस व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा तथा वित्त विभाग में हम कम से कम पेपर का इस्तेमाल करेंगे तथा सारा काम आनलाईन कोषागार के माध्यम से होगा । 
उन्होंने कहा कि अब किसी ठेकेदार को किसी अभियंता के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि उनके बिल का सत्यापन आनलाईन कराए जाने के बाद भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में चला जाएगा । उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षा है और इसके लिए वर्तमान बजट में सबसे अधिक 34798 रूपये का प्रावधान किया गया है। सुशील ने बताया कि वर्तमान बजट में स्वास्थय क्षेत्र के लिए इस क्षेत्र में अब तक का सबसे बडा 9622 करोड रूपये का तथा सडक के लिए 12923 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। 
उन्होंने बताया कि प्रदेश की राजग सरकार ने अपने 13 साल के कार्यकाल के दौरान सडक निर्माण पर एक लाख 30 हजार करोड रूपये खर्च किए जबकि प्रदेश की पिछली राजद सरकार ने अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान सडक निर्माण पर मात्र 6011 करोड रूपये खर्च किए थे । सुशील ने कहा कि 2019—20 में 18000 किलोमीटर ग्रामीण सडकों का रख रखाव किया जाएगा और इसमें से 6500 किलोमीटर का टेंडर हो चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की राजग सरकार ने 2005—06 से लेकर अब तक ऊर्जा पर 99625 करोड रूपये खर्च किए हैं और हर घर बिजली पहुंचाने के बाद इस साल के अंत तक सिंचाई के लिए हर खेत में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 
सुशील ने बताया कि प्रदेश सरकार ने खेतों को सौर उर्जा के माध्यम सिंचित करने के लिए 30 हजार सौर पंप लगाने का निर्णय लिया है । उन्होंने बताया कि प्रदेश में एक करोड 11 लाख शौचालय का निर्माण किया जा चुका है और 56 लाख लोगों के खाते में शौचालय की राशि दी जा चुकी है । सुशील ने प्रदेश में इस गर्मी के मौसम में बडी संख्या में चमकी बुखार :एईएस: से बच्चों की मौत हो जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार नहीं आने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुजफ्फरपुर देर से जाने के विपक्ष के आरोप की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग ऐसा प्रश्न उठा रहे हैं उन्हें यह बताना चाहिए कि बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी क्यों नहीं गए । 
उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल में जाने में बाधा हो रही थी तो उन गरीब परिवारों के घर उनके आंसू पोछने के लिए जा सकते थे पर विपक्ष केवल घडियाली आंसू बहाने का काम कर रहा है । बहस में भाग लेते हुए राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बिहार में अधिकांश आबादी के कृषि पर निर्भरता को देखते हुए सरकार द्वारा पेश बजट के कृषि पर आधारित नहीं होने और इसमें गांव और गरीबों का ख्याल नहीं रखे जाने का आरोप लगाया। 

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