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बिहार सरकार का यह बजट किसानी और कृषि के लिए ऐतिहासिक : नित्यानंद राय

कल्याण पर जोर दे रही है राज्य की एनडीए सरकार। बजट (2019-20) में विभिन्न क्षेत्रों के लिए विभागवार आवंटन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

06:35 PM Feb 13, 2019 IST | Desk Team

कल्याण पर जोर दे रही है राज्य की एनडीए सरकार। बजट (2019-20) में विभिन्न क्षेत्रों के लिए विभागवार आवंटन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

पटना : बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने आज बिहार के वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट को ऐतिहासिक और सर्वसमावेशी बताया है। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र के साथ शिक्षा, ग्रामीण विकास और समाज कल्याण पर जोर दे रही है राज्य की एनडीए सरकार। बजट (2019-20) में विभिन्न क्षेत्रों के लिए विभागवार आवंटन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

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उन्होंने कहा, “यह बजट बिहार को अंधकार युग से उजाले में लाने के प्रति संकल्पित केंद्र और राज्य की एनडीए सरकारों के प्रयासों का आईना है। सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा के मद में किया गया है। लगभग 21 फीसदी हिस्सा शिक्षा के लिए रखना बताता है कि हम शिक्षा के उन्नयन को लेकर कितने गंभीर हैं।”

बिहार भाजपा के अध्यक्ष ने कहा, ‘ आप देखिए, बजट में कुल पूंजीगत व्यय 45 हज़ार 270 करोड़ रुपए हैं। इसमें शिक्षा के बाद सबसे अधिक खर्च सूखाग्रस्त इलाके के किसानों के अनुदान पर होगा, यानी लगभग 1420 करोड़ का अनुदान और 18 लाख66 हजार रुपयों का प्रदेश के सभी किसानों को डीजल अनुदान दिया जाएगा। साथ ही, प्रधानमंत्री किसान निधि योजना से बिहार के लगभग 96 फीसदी किसान लाभान्वित होंगे, जिसमें उन्हें सालाना 6000 रुपए की सहायता-राशि मिलेगी।इससे इस सरकार की सर्वसमावेशी दृष्टि समझ आती है।’

उन्होंने विपक्ष पर बरसते हुए कहा कि कुछ भी बोलने से पहले आंकड़ों का अध्ययन करना चाहिए। कल ही बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण जारी हुआ है और इसके मुताबिक मनरेगा में एक दशक में 147.5 लाख जॉब कार्ड जारी हुए हैं। राय ने विपक्ष को कुतर्की और मुद्दाविहीन करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हम क्या और क्यों बोलें? आंकड़े और बजट खुद इस बात की गवाही देते हैं कि राजद-कांग्रेस के 15 वर्षों के कुशासन से निकालकर हम राज्य को विकास के पथ पर ले आए हैं।’

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