बिहार हुआ औधोगिक विस्तारीकरण की ओर अग्रसर - जदयू राष्ट्रीय सचिव
राज्य सरकार का फोकस हमेशा से बिहार का समग्र औद्योगिक विकास करने पर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योगों की स्थापना करने के साथ ही छोटे-छोटे उद्योगों की चिंता भी की है।
01:03 AM Oct 17, 2022 IST | Desk Team
पटना : जदयू (JDU) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने रविवार को पटना के दीघा हाट और राजा बाजार स्थित मछली गली में सदस्यता अभियान को सम्बोधित करते हुए अपने एक बयान में कहा, कि उद्योगों को स्थापित करने के लिए बिहार में बेहतर माहौल मौजूद है। राज्य सरकार का फोकस हमेशा से बिहार का समग्र औद्योगिक विकास करने पर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योगों की स्थापना करने के साथ ही छोटे-छोटे उद्योगों की चिंता भी की है।
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‘550 करोड़ रुपये से निर्मित प्लांट का उद्घाटन’
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने हर किसी के लिए कुछ न कुछ किया है। इसी का परिणाम है कि बिहार में उद्योग के लिए एक बेहतर माहौल बन पाया है। प्रसाद ने कहा है कि देश की कई बड़ी कंपनियां बिहार में निवेश की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अप्रैल 2022 को बेगुसराय जिले के बरौनी प्रखंड के असुरारी हवासपुर में 550 करोड़ रुपये से निर्मित पेप्सी बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन किया था।
‘30,427 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव’
राजीव रंजन ने कहा कि बिहार में एक साल में पेप्सिको समेत 87 औद्योगिक इकाईयां खुली हैं। यहां उत्पादन का ट्रायल रन या उत्पादन शुरू हो चुका है। बिहार में औद्योगिकीकरण की ललक इतनी तेज थी कि कोरोना महामारी के प्रकोप के बावजूद ये पॉलिसी अत्यंत सफल रही। बिहार की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 के तहत 30,427 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। वहीं, बिहार स्थित 17 इथेनॉल उत्पादन ईकाईयों ने 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का करार हाल ही में सार्वजनि क्षेत्र की तेल वितरण कंपनियों के साथ किया है।
‘मुजफ्फरपुर के मेगा फूड पार्क को मिली स्वीकृति’
इसके साथ ही राजीव रंजन ने बताया कि मुजफ्फरपुर के मेगा फूड पार्क को 17 मार्च 2022 को अंतरमंत्रालयी अनुमोदन समिति ने स्वीकृति दे दी है। इसे मोतीपुर ब्लॉक में 143.96 एकड़ भूमि में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि बिहार में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। बिहार स्टार्ट अप नीति के तहत 185 स्टार्ट अप को लगभग 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। राज्य में उद्यमियों की फौज तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जैसी योजना पूरे देश में नहीं है।
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