बिहार शौर्य और साहस की धरती है, सम्राट अशोक इसके सबसे बड़े प्रतीक : तारकिशोर प्रसाद
बापू सभागार में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार की धरती गौरवशाली रही है।
12:25 PM Apr 09, 2022 IST | Ujjwal Jain
पटना : बापू सभागार में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार की धरती गौरवशाली रही है। बिहार शौर्य और साहस की धरती है। सम्राट अशोक इसके सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी धरती से चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने उत्तर में हिन्दुकश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी तट और कर्नाटक, मैसूर तक और पूरब में बंगाल से पश्चिम में अफगानिस्तान तक अपने मौर्य साम्राज्य का विस्तार करते हुए शासन किया।
Advertisement
उन्होंने कहा कि इतिहास में सम्राट अशोक को उनकी कुशल प्रशासन नीति और कूटनीति की वजह के लिए जाना जाता है। वे एक सर्वप्रिय, न्यायप्रिय, दयालु और शक्तिशाली सम्राट थे।लोकहित के जरिये सम्राट अशोक ने अपने काल में न केवल मानवों की चिंता की, बल्कि उन्होंने जीवमात्र के लिए भी कई सराहनीय काम किए हैं। इसलिए सम्राट अशोक को अहिंसा, शांति, लोक कल्याणकारी नीतियों के लिए एक अतुलनीय और महान् अशोक के रुप में जाना जाता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सम्राट अशोक ने भारत के गौरव और गरिमा को विश्व में प्रतिष्ठित किया, उसी प्रकार भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उस गौरवशाली परंपरा की पुनर्स्थापना की दिशा में सुदृढ़ प्रयास किए हैं, जिससे पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा और साख बढ़ी है।
उन्होंने राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रवाद के बुनियाद को मजबूत किया है, जिसपर हम सभी भारतीयों को गर्व है। उन्होंने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की नीतियों एवं सिद्धांतों को अमल में लाते हुए बिहार सरकार ने भी कई लोग हितकारी कार्यक्रमों को शुरू किया है। सम्राट अशोक के ऐतिहासिक यादों को सजीवता प्रदान करने तथा उनके प्रति सम्मान रखते हुए बिहार सरकार ने शहरी निकायों में नगर प्रशासन कार्यालयों के सुव्यवस्थित संचालन हेतु सम्राट अशोक भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ किया है। अब तक 10 शहरी निकायों में सम्राट अशोक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
Advertisement
Advertisement