पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने चित्रगुप्त पूजा के बहाने सरकार को चेताया, कायस्थ जाति को नजर अंदाज न करें :
पटना 26 अक्टूबर : कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीय यानि, आगामी 15 नवम्बर को आयोजित होने वाली चित्रगुप्त पूजा की तैयारियां पूरे पटना महानगर में जोरशोर से शुरू कर दी गई है। इसको लेकर पटना की पूजा समितियों की एक बड़ी बैठक भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा के संस्थापक सदस्य सह चित्रगुप्त आदि मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष आर के सिन्हा की अध्यक्षता में की गई I बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि 16 नवम्बर को श्री चित्रगुप्त भगवान की प्रतिमा का सामूहिक विसर्जन किया जाएगा। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी मंदिर परिसर में किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद सुरुचिपूर्ण भाई-भोज की व्यवस्था होगी। इस बैठक में दानापुर से लेकर पटना सिटी तक की विभिन्न चित्रगुप्त पूजा समितियों ने बड़े उल्लास के साथ इस कार्यक्रम को मनाने का निर्णय लिया गया है। इस बार लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा नए स्थानों पर भी भगवान चित्रगुप्तजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। कुल मिलाकर 75 मूर्तियाँ शोभायात्रा में शामिल होगीं I लगभग एक दर्जन कलश भी यात्रा में रहेंगे जहाँ पहले स्थाई मूर्तियाँ पहले से ही स्थापित है I
इस दौरान श्री आरके सिन्हा ने नीतीश सरकार द्वारा पिछले दिनों की जाति आधारित गणना के प्रकाशन में कायस्थ जाति की संख्या सिर्फ 7 लाख 80 हजार दिखाए जाने पर आश्चर्य और नाराजगी जताई और कहा कि कायस्थ जाति इतनी भी कम नही है कि सरकार उसे दरकिनार या कमजोर दिखाए। अकेले पाटलिपुत्र और पटना साहिब लोकसभा के दस ऐसे विधानसभा क्षेत्र है, जहाँ कायस्थ जाति निर्णायक भूमिका निभाता हैI इसके अतिरिक्त सभी जिला और अनुमंडल केन्द्रों पर कायस्थ मतदाता निर्णायक भूमिका में है जिसका असर अगले चुनावों में स्पष्ट दिखेगा I
श्री सिन्हा ने कहा कि प्रदेश के हर जिले के लगभग हर विधानसभा में कायस्थ जाति की संख्या ठीकठाक है। कई विधानसभा में तो कायस्थ जाति के जनप्रतिनिधि भी जीत कर आते हैं I ग्रामीण इलाके नरकटियागंज से रश्मि वर्मा, सिकटा से दिलीप वर्मा जैसे कई कायस्थ जाति के प्रतिनिधि हैं। सरकार द्वारा जो संख्या बताई जा रही है, उसका आधार ही गलत है। अकेले पटना में कायस्थों की आबादी 10 लाख से अधिक है। क्या बाकि जगहों कायस्थों की गिनती नहीं की गई है क्या? उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा की कायस्थों की संख्या कम बताने की एक साजिश है। कायस्थ जाति एक पढ़ी लिखी जाति है जो गंभीरता से अध्धयन कर सरकार को चुनती है यह वह जाति है जो किसी के बहकावे में नही आती है अतः सरकार हमें कमजोर न समझे।
उन्होंने कहा कि आनेवाले चित्रगुप्त पूजा में हमलोग अपनी ताकत को दिखायेंगे, उन्होंने पुरे बिहार के कायस्थों को आह्वान करते हुए कहा कि बड़े ही धूमधाम और सामूहिक रूप से विसर्जन करें ताकि कायस्थों की संख्या देखकर नितीश सरकार द्वारा की गई जाति आधारित गणना और गणना करने वालो की पोल खुल सकें I
श्री सिन्हा ने बताया कि सभी चित्रगुप्त पूजा समितियों ने भगवान चित्रगुप्त की सभी मूर्तियों को सामूहिक रूप से पटना सिटी के चित्रगुप्त घाट (पुराना नाम नौजर घाट) स्थित श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर परिसर के तालाब में विसर्जित करने का निर्णय लिया है। चित्रगुप्त पूजा के विसर्जन शोभा यात्रा को लेकर पूरे पटना शहर को तोरणद्वारों से सजाने का भी फैसला लिया गया है। चित्रगुप्त पूजा को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए कई समितियों का भी गठन किया गया है। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं से चित्रगुप्त आदि मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष निर्मल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त की सभी प्रतिमाओं का विसर्जन धूमधाम से किया जाएगा। बैठक में पटना की लगभग 75 पूजा समितियों के पदाधिकारी एवं सक्रिय सदस्यों के अतिरिक्त सुदामा प्रसाद सिन्हा, मनोज कुमार, आनंद प्रसाद, शैलेन्द्र नारायण सोनू, अमिताभ वर्मा, संजय कुमार, राजेश कुमार, अरुण कर्ण के साथ मंदिर कमिटी के सदस्य और पूजा समिति के सदस्य उपस्थित थे।