Bihar: मंत्री अशोक चौधरी ने सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने के फैसले को ठहराया सही
Bihar: बिहार विधान परिषद के सदस्य और आरजेडी नेता सुनील सिंह की सदस्यता रद्द किए जाने को भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने एकदम सही कदम बताया है।
Highlights
- अशोक चौधरी ने सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने को ठहराया सही
- सुनील सिंह ने सदस्यता रद्द होने पर जताई नाराजगी
- नितीश कुमार की नकल करने के मामले में हुई सदस्यता रद्द
सुनील सिंह ने सदस्यता रद्द होने पर जताई नाराजगी
बिहार(Bihar) भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी(Ashok Choudhary) ने कहा, “ये पूरा मामला विधान परिषद और उसके सचिवालय का है। सरकार को इस मामले से कोई मतलब नहीं है। इससे पहले भी रामबली चंद्रवंशी, जो आरजेडी सदस्य थे, की सदस्यता गई थी। उनकी सदस्ता भी ऐसी ही गतिविधियों पर गई थी। एक ही एक्टिविटी पर आप दो चरित्र नहीं रख सकते”। इसके बाद इस पूरे मामले पर सुनील सिंह पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “इस पूरे मामले में 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास में ही पूरी पटकथा लिखी गई थी। किसानों और भ्रष्टाचार की बात करने वाले व्यक्ति की सदस्यता किसी भी हालत में ले लेनी चाहिए, उनका यही चरित्र है।”
'सुनील सिंह सदस्यता रद्द करने के पीछे नीतीश कुमार का हाथ'
सुनील सिंह ने आगे कहा, “आचार समिति को मैंने पत्र भेज था। मेरा पत्र वापस कर दिया गया। आज तक बिहार(Bihar) संसदीय इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। इस पूरे मामले के पीछे सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने मेरी सदस्यता ली है। मुझे अपनी बात रखने तक का मौका नहीं दिया गया। यहां तक कि समिति के सदस्यों तक को पूरे मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई।
नितीश कुमार की नकल करने के मामले में हुई सदस्यता रद्द
बता दें, सुनील सिंह(Sunil Singh) की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। सुनील कुमार सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई प्रदेश(Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल करने के मामले में की गई। यह फैसला विधान परिषद की आचार समिति की रिपोर्ट के बाद लिया गया। सदन में राजद एमएलसी सुनील सिंह और मोहम्मद कारी सोहैब ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी। सत्ताधारी सदस्यों ने मुख्यमंत्री को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया था और इस मामले को विधान परिषद की आचार समिति में ले गए थे।
आचार समिति ने इस मामले में एमएलसी सुनील सिंह को पाया दोषी
आरोप लगाया गया था कि यह सदन की मर्यादा के खिलाफ है और उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग रखी गई थी। आचार समिति ने इस मामले में एमएलसी सुनील सिंह को दोषी पाया। इसके बाद आचार समिति ने सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा कर दी। जबकि, सोहैब ने समिति के पास अपनी गलती मान ली थी। सुनील सिंह को राजद सुप्रीमो लालू यादव का करीबी माना जाता है।
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