बिहार भाजपा अध्यक्ष Samrat Choudhary ने बंद कमरे में कि मांझी के साथ मुलाकात, जाने क्या है इसके राजनीतिक मायने
राजग में किसी तरह की सेंध से बचने और जादुई आंकड़ सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष Samrat Choudhary ने शनिवार को आनन-फानन में श्री मांझी से मुलाकात की।
Highlights:
- जीतन राम मांझी बिहार में सत्ता की चाभी बनकर उभरे हैं
- करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बिहार के बदले राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा
- श्री मांझी को राजग के साथ बने रहने की खातिर मनाने के लिए फोन किया था
इसी बीच यह अटकलें लगाए जा रहे है की बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के समर्थक जीतन राम मांझी अपने चार विधायकों के साथ बिहार में सत्ता की चाभी बनकर उभरे हैं। बताया जा रहा है की दोनों नेताओं ने करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बिहार के बदले राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। हालांकि बैठक के बाद श्री चौधरी संवाददाताओं के सवालों से बचते दिखे और पार्टी कार्यालय वापस चले गए।
माना जा रहा है कि श्री चौधरी ने श्री मांझी को राजग के साथ बने रहने की खातिर मनाने के लिए फोन किया था। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजग के साथ सरकार बनाने से रोकने के इरादे से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने श्री मांझी को महागठबंधन में शामिल होकर नई सरकार के गठन में मदद करने के लिए उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन को उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश भी की थी। हालांकि, श्री मांझी ने राजद के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी के नेतृत्व में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़गी। उन्होंने दावा किया कि वह पूरी तरह राजग के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री मांझी की पार्टी के चार विधायकों को मिलाकर 76 विधायकों वाली भाजपा और 45 विधायकों वाली जदयू बिहार में आराम से नई सरकार बना सकती है। इससे 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में राजग के विधायकों की संख्या 125 होगी।
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