पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए बिहार सरकार ने शुरु किया Mission Daksh
बिहार सरकार ने पढ़ने-लिखने में कमजोर 25 लाख स्कूली बच्चों के शिक्षण स्तर में सुधार के लिए एक दिसंबर से Mission Daksh शुरू करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिशन दक्ष के तहत राज्य शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को कहा है कि वह अधिकतम पांच छात्रों का समूह बनाएंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे। शिक्षकों को ‘‘चेतावनी’’ भी दी गई है कि लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पिछले एक वर्ष से कड़े कदम उठा रही है।
HIGHLIGHTS POINTS:
- बिहार सरकार ने Mission Daksh शुरू करने का निर्णय लिया
- पढ़ने-लिखने में कमजोर 25 लाख स्कूली बच्चों की शुरु होगी स्पेशल क्लास
- लापरवाही बरतने पर टीचरों पर होगी सख्त कार्रवाई
Mission Daksh का लक्ष्य छात्रों की पढ़ाई में सुधार करना
इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों में एक दिसंबर से 'मिशन दक्ष' शुरू करने का फैसला किया है ताकि ऐसे छात्रों के शिक्षण स्तर में सुधार हो सके। पढ़ने-लिखने में कमजोर छात्र स्कूलों में अपने अन्य साथियों से बहुत पीछे हैं। उनमें से कुछ उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पहुंचने के बावजूद हिंदी के सरल शब्दों को ठीक से पढ़ने में असमर्थ हैं। पाठक ने निर्देश दिया कि ऐसे छात्रों की पहचान प्राथमिकता के आधार पर की जाए जिलाधिकारियों ने जुलाई में नियमित निरीक्षण और निगरानी शुरू की और यह पाया कि लगभग सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने-लिखने में कमजोर छात्रों की संख्या काफी अधिक है।
नियमित संख्या में हो छात्र
इसके बाद प्रधानाध्यापक शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षाएं लेने के लिए कहेंगे, एक वक्त में पांच से ज्यादा छात्र नहीं होने चाहिए। ऐसे छात्रों को कठिन अवधारणाओं को समझने और सीखने की खाई को पाटने के लिए व्यक्तिगत रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। सभी 25 लाख ऐसे कमजोर छात्र अप्रैल 2024 में अंतिम परीक्षाओं में शामिल होंगे। यदि ये छात्र परीक्षाओं में फेल होते हैं तो शिक्षा विभाग उनके संबंधित हेडमास्टर, शिक्षक और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।