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बिहार : पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बिहार के छात्रों के साथ हुई मारपीट के मामले ने एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने पश्चिम बंगाल के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को एक पत्र लिखकर पूरी घटना की जानकारी मांगी है। पत्र में कहा गया है, 'सोशल मीडिया पर आज कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें बिहार के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से रोकते हुए उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं दिख रही हैं। ये वीडियो सिलीगुड़ी का बताया जा रहा है।'
Highlight :
इस पत्र के जरिए बिहार के एडीजी ने स्पष्ट किया है कि वायरल वीडियो उनके द्वारा पश्चिम बंगाल के एडीजी के व्हाट्सएप नंबर पर भी भेजा गया है, ताकि मामले की गंभीरता को समझा जा सके। पत्र में यह भी अनुरोध किया गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा इस मामले में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि बिहार के छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी ने भी पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से बातचीत की है। उनका कहना है कि ऐसे घटनाक्रम न केवल छात्रों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि इससे दोनों राज्यों के बीच तनाव भी बढ़ सकता है।
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग छात्रों के कमरे में जबरन घुसते हैं, और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। वे छात्रों से आवश्यक दस्तावेज भी मांगते हैं और जब छात्र इसका विरोध करते हैं, तो वे उन्हें कान पकड़कर उठक-बैठक लगाने के लिए मजबूर करते हैं। इस प्रकार की हिंसा की घटनाएं न केवल कानूनी दृष्टि से गलत हैं, बल्कि यह छात्र समुदाय के मनोबल को भी तोड़ती हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच ऐसे मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। यह घटना भी इस बात की ओर इशारा करती है कि दोनों राज्यों में आपसी समझ और सहयोग की आवश्यकता है। बिहार के एडीजी द्वारा पत्र लिखने से उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में उचित कार्रवाई होगी और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
बता दें कि, इस घटना ने न केवल छात्रों के लिए चिंता बढ़ाई है, बल्कि उनके माता-पिता और शिक्षण संस्थानों में भी असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है। छात्र समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ऐसे घटनाक्रमों को रोकना सभी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी है। अब देखना होगा कि पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और बिहार के छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।