BSP: अनुसूचित जाति एवं जनजाति के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार
- बिहार सरकार और केंद्र सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और आदिवासियों को दबा रही हैं
- भारत सरकार बहुजन समाज को आगे बढ़ाने केो नाम पर धोखा दे रही है
- कानून वापस नहीं तो बहुजन समाज पार्टी द्वारा आंदोलन किया जायेगा.
अनिल कुमार बहुजन समाज पार्टी(BSP) के बिहार प्रभारी का आरोप हैं कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और आदिवासियों को दबा रही हैं। बिहार सरकार के नये आरक्षण कानून के वजह से राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी के पदाधिकारियों एवं कर्मियों राजकीय सेवाओं में पदोन्नति के योग बन रहे हैं।
दलित और आदिवासी समाज को दबाने का काम कर रही सरकार
अनिल कुमार ने कहा कि बिहार और भारत सरकार बहुजन समाज को आगे बढ़ाने के नाम पर धोखा दे रही है और उनका दमन कर रही है. उन्होंने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रातों-रात कैबिनेट की बैठक होती है और 13 अक्टूबर को बिहार गजट जारी होता है, जिसमें दलित और आदिवासी समाज को दबाने का काम किया जा रहा है.
बहुजन समाज पार्टी द्वारा आंदोलन की बात
उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना संख्या 19300 के माध्यम से बिहार सरकार के नये आरक्षण विरोधी काले कानून के माध्यम से राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी के पदाधिकारियों एवं कर्मियों राजकीय सेवाओं में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। परिणामस्वरूप राज्य की सभी सेवाओं में कार्यरत अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लगभग 98 प्रतिशत अधिकारी एवं कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हो गये हैं।अनिल कुमार ने कहा कि यह गजट है जो दलित समाज और आदिवासी समाज को मारने और दबाने का काम करता है. अगर यह काला कानून वापस नहीं लिया गया तो बहुजन समाज पार्टी द्वारा आंदोलन किया जायेगा.
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