वोट की खातिर घमंडियां गठबंधन बाबर और अफजल गुरु की भी पूजा करेंगे : नित्यानंद राय
केंद्रीय गृह मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार को पटना एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दौर में श्री राम के मंदिर बने,गरीबों को घर मिला, आधुनिक अस्पताल भी बने , शिक्षण व्यवस्था को भी मजबूत किया और यह सिलसिला जारी है साथ ही बिहार के शिक्षा मंत्री के उस बयान पर निशाना साधा जिसमें बिहार के शिक्षा मंत्री ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर सवाल खड़ा किया था.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि घमंडिया गठबंधन वोट की खातिर बाबर और अफजल गुरु की भी पूजा करने से परहेज नहीं करेंगे लेकिन देश को बाबर और अफजल गुरु की नहीं अशफाक उल्ला खान और कैप्टन हमीद जैसे लोगों की जरूरत हैकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि श्री राम मंदिर संस्कृतिक आजादी का रास्ता है. पता नहीं इन लोगों को प्रभु श्री राम से क्या नफरत है कि बार-बार इसका विरोध कर रहे हैं और इनका जिस तरह का नीति दिख रहा है नियत दिख रहा है उसमें तो यह लग रहा है कि घमंडिया गठबंधन के लोग वोट की खातिर आगे यह लोग बाबर और अफजल गुरु की तस्वीर लगाकर पूजा करेंगे..देश को अशफ़ाकउल्ला खान चाहिए, कैप्टन हमीद चाहिए, बाबर और अफजल गुरु नहीं चाहिए, जिंन्ना का जिन्न नहीं चाहिए. यहां प्रभु श्री राम का मर्यादा चाहिए..केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बिहार के महागठबंधन के नेताओं खासकर लालू यादव और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर बार-बार महा गठबंधन के नेताओं द्वारा राम मंदिर के पीछे सुनियोजित साजिश है चेहरा भले ही राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर या फिर राजद के विधायक हैं लेकिन इसके पीछे का मुखौटा कोई और है..मेरा महागठबंधन के नेताओं से सीधा-सीधा सवाल है की इन लोगों को प्रभु श्री राम से, राम मंदिर से और सनातन धर्म से इतना नफरत क्यों है? महागठबंधन के जो भी नेता प्रभु श्री राम और राम मंदिर के खिलाफ बयान दे रहे हैं वो सीधे-सीधे श्रीमान लालू यादव जी, तेजस्वी यादव जी और घमंडिया गठबंधन के इशारे पर बोल रहे हैं... मुखौटा कोई है और असली चेहरा इसके पीछे कोई और है... लेकिन देश की जनता और खास तौर से बिहार के 13 करोड लोग यह देख रहे हैं कि किस तरह से प्रभु श्री राम का लगातार महागठबंधन के नेताओं के द्वारा अपमान किया जा रहा है इस अपमान को ना तो देश के 140 करोड़ जनता सहन करेगी और ना ही बिहार के 13 करोड़ सनातनी लोग इन्हें माफ करेंगे.