बिहार में नौ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या, कांग्रेस ने की निंदा
जेडीयू-बीजेपी सरकार पर कांग्रेस का गंभीर आरोप
बिहार के मुजफ्फरपुर में नौ वर्षीय बच्ची के साथ हुए बलात्कार और हत्या की कांग्रेस ने निंदा की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिससे उनका हौसला बढ़ा है। कांग्रेस ने कहा कि पीड़िता को समय पर उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हुई।
कांग्रेस ने अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप लगाते हुए रविवार को एनडीए शासित बिहार के मुजफ्फरपुर में नौ साल की बच्ची के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या की निंदा की। पार्टी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर की घटना में बलात्कारी एक सीरियल अपराधी था, जिसे प्रशासन ने खुलेआम घूमने की अनुमति दे रखी थी। पार्टी प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा, “बलात्कारियों और अपराधियों का हौसला बढ़ रहा है, क्योंकि जेडीयू-बीजेपी सरकार ने शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों को गंभीर आरोपों के बावजूद खुलेआम घूमने दिया है। यहां एआईसीसी कार्यालय में सांसद रंजीत रंजन के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शमा मोहम्मद ने खुलासा किया कि 26 मई को नौ वर्षीय पीड़िता के साथ क्रूर बलात्कार और जघन्य हमले के बाद उसे ईंट भट्ठे के पास मरने के लिए छोड़ दिया गया था।
रंजन ने खुलासा किया कि पीड़िता को पहले मुजफ्फरपुर के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे पटना एम्स रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने गर्मी की छुट्टियों और मल्टी-स्पेशलिटी इलाज के लिए आवश्यक विशेषज्ञों की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि लड़की के रिश्तेदार उसे पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले गए, जहां फिर से उसे करीब पांच घंटे तक भर्ती करने से मना कर दिया गया। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार के वहां पहुंचने के बाद ही उसे भर्ती कराया गया। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वह आखिरकार अपनी जिंदगी की जंग हार गई। रंजन ने कहा कि अगर पीड़िता को सही समय पर उचित उपचार दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
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उन्होंने बिहार की जेडीयू-बीजेपी सरकार को उसके साथ हुए बलात्कार और उसके बाद उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। शमा मोहम्मद ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि पीड़िता दलित समुदाय से थी और ऊंची जाति की नहीं थी, उसे एम्स जैसे संस्थान में इलाज देने से मना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाने के बाद भी पीड़िता को फिर से भर्ती करने से मना कर दिया गया और करीब पांच घंटे तक एंबुलेंस में इंतजार करना पड़ा, जब तक कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हस्तक्षेप नहीं किया। शमा मोहम्मद ने कहा कि यह बिहार में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और जघन्य अपराधों की एक सूची में से एक है। उन्होंने अतीत में हुई ऐसी कई घटनाओं का भी जिक्र किया।