बिहार में अलग से बनेगा खेल विभाग, मंत्री मंडल ने दी मंजूरी
बिहार में अब कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से अलग खेल विभाग होगा। बिहार मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बिहार मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 19 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
- मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव को हरी झंडी
- वार्ड सदस्य का मानदेय 500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 800 रुपए
- राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के भत्ता में भी वृद्धि
कल्याणकारी कार्य खेल विभाग द्वारा
उन्होंने बताया कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से अलग 'खेल विभाग' के गठन की स्वीकृति दी गई। खिलाडियों के खेलकूद के विकास एवं उनके लिए कल्याणकारी कार्य खेल विभाग द्वारा किया जाएगा। इसमें कला संस्कृति विभाग के अधीन कार्यरत बिहार राज्य खेल प्राधिकरण भी शामिल होगा तथा तमाम स्पोर्टस एक्टिविटीज का विकास होगा।
मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव को हरी झंडी
इसके अलावा आंगनबाड़ी में सेविका और सहायिका के मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। प्रदेश में अब आंगनबाड़ी सेविका को 7 हजार और सहायिका को 4 हजार मिलेगा। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के भत्ता में भी वृद्धि की गई है। सिद्धार्थ ने बताया कि ग्राम मुखिया को अब 5 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलेगा जो पहले 2,500 रुपए था।
वार्ड सदस्य का मानदेय 500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 800 रुपए
उप मुखिया का मानदेय 1,200 से बढ़ाकर 2,500 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। इसी तरह वार्ड सदस्य का मानदेय 500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 800 रुपए प्रतिमाह, सरपंच का मानदेय 2,500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए प्रतिमाह, उप सरपंच का मानदेय 1,200 रुपए से बढ़ा कर 2,500 रुपए और पंच का मानदेय 500 रुपए से 800 रुपए किया गया है।