तेजस्वी ने मोदी के परिवार वाले बयान पर लालू का किया बचाव
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पार्टी सुप्रीमो और अपने पिता लालू प्रसाद की टिप्पणी का बचाव करते हुए मंगलवार को भाजपा के नेताओं के अपने नाम के साथ ‘‘मोदी का परिवार’’ जोड़ने पर उनके द्वारा जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। यादव ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा अपने नाम के साथ ‘‘मोदी का परिवार’’ जोड़ना उनके द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘‘मैं भी चौकीदार’’ बयान की याद दिलाता है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘‘चौकीदार चोर है’’ का नारा दिया था।
Highlights
- तेजस्वी ने मोदी के परिवार वाले बयान पर लालू का किया बचाव
- लालू जी के शब्दों का प्रभाव
- पूरे देश को अपने परिवार की तरह मानते हैं
लालू जी के शब्दों का प्रभाव
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्रीज यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि लालू जी के शब्दों का इतना प्रभाव है। पर उन्होंने गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के बारे में भी बोला था, उनका क्या। उन्होंने और भी बहुत सारी बातें कही थीं। यहां अपनी जन विश्वास महारैली के दौरान रविवार को लालू प्रसाद ने कटाक्ष किया था, ‘‘अगर नरेन्द्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। वह राम मंदिर के बारे में डींगें हांकते रहते हैं। वह एक सच्चे हिंदू भी नहीं हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार माता-पिता के निधन पर बेटे को अपना सिर और दाढ़ी मुंडवाना चाहिए। मोदी ने ऐसा तब नहीं किया जब उनकी मां की मृत्यु हो गई थी।
पूरे देश को अपने परिवार की तरह मानते हैं
यादव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का दावा है कि वह पूरे देश को अपने परिवार की तरह मानते हैं। अगर ऐसा है तो उनकी सरकार ने हाल के किसानों के विरोध प्रदर्शन को इतनी बेरहमी से कुचलने की कोशिश क्यों की। यादव ने अपने पिता के द्वारा मोदी के परिवार को लेकर की गयी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा, ‘‘हम एक कट्टर हिंदू परिवार हैं, हमारे घर पर एक मंदिर है जहां हर सुबह और शाम को आरती की जाती है। मैंने अपनी बेटी का मुंडन संस्कार कराया। प्रधानमंत्री ने परंपराओं का पालन करना क्यों नहीं जरूरी समझा, यह उन्हें ही उत्तर देना है ।
तेजस्वी यादव बिहार में पिछली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे लेकिन मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार अचानक महागठबंधन से बाहर निकल गये और उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाते हुए राजग सरकार बना ली। फलस्वरूप राजद बिहार में सत्ता से बाहर हो गया।
जब हम सत्ता साझा कर रहे थे
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया, ‘‘जब हम सत्ता साझा कर रहे थे, तो हमने रोजगार सृजन और आंगनवाड़ी सेविकाओं के लिए बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित किया। ऐसे कई अन्य प्रस्ताव थे जो राजग के कार्यकाल के दौरान लंबित थे, ऐसा लगता है कि मुझे और मेरे परिवार को गाली देने के अलावा उनका कोई अन्य एजेंडा नहीं है। लोकसभा चुनाव के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि राजद, कांग्रेस और तीन वाम दलों वाला महागठबंधन राज्य की सभी 40 सीट जीतेगा और सीट बंटवारे के फॉर्मूले को बहुत जल्द, राजग से बहुत पहले अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
उम्मीदवार की घोषणा करने में असमर्थता
उन्होंने दावा किया कि भाजपा की पहली सूची में बिहार के लिए एक भी उम्मीदवार की घोषणा करने में असमर्थता ने राजग के भीतर की कठिनाई को प्रदर्शित किया है। लोजपा सांसद चिराग पासवान का अपने चाचा एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के साथ हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर राजद नेता ने सीधा कोई जवाब देने से बचते हुए कहा, ‘‘मैं पाला नहीं बदलने जा रहा हूं। अगर कोई हमारे साथ आना चाहता है तो उसे बताना होगा।अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार के घोर विरोधी रहे चिराग राजग में जदयू प्रमुख की वापसी को लेकर असहज हैं और अगर हाजीपुर पर उनके दावे को भाजपा नहीं स्वीकार करती है तो वह गठबंधन छोड़ सकते हैं।
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