Bihar: पूर्व आईपीएस जयप्रकाश सिंह और अभिनेता रितेश पांडेय जन सुराज में शामिल
Bihar: भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और गायक रितेश पांडेय तथा पूर्व भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी जयप्रकाश सिंह ने शुक्रवार को जन सुराज की सदस्यता लेकर अपनी नई पारी की शुरुआत की है। दोनों को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पार्टी की सदस्यता दिलाई और उनका स्वागत किया। उन्होंने इन दोनों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि जन सुराज ऐसे लोगों को प्राथमिकता देती है या पसंद करती है जो Bihar से निकलकर अपने बल पर कोई बड़ा मुकाम हासिल किया है।
आज जो दोनों लोग पार्टी में शामिल हुए हैं, ऐसे ही Bihar के बेटे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत की बदौलत एक मुकाम हासिल किया है। उन्होंने बताया कि जयप्रकाश सिंह भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रह चुके हैं। वे हिमाचल प्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा है।
एक नए,शिक्षित,अपराध मुक्त,पलायन मुक्त बिहार बनाने की इस मुहिम में जन सुराज के साथ शामिल हुए
जय बिहार #riteshpandey pic.twitter.com/9HXiDFnJXA— Ritesh Pandey (@riteshpandeyrp) July 18, 2025
Bihar के सारण जिले के रहने वाले
सिंह Bihar के सारण जिले के रहने वाले हैं। इधर, जन सुराज में शामिल होने के बाद जयप्रकाश सिंह ने कहा कि पिताजी किसान थे। आईपीएस अधिकारी बनने से पहले उन्होंने सेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में करीब 12 वर्षों तक सेवा दी थी। उन्होंने कहा कि जब से जन सुराज अभियान की शुरुआत हुई थी, तभी से मैं इस पर नजर रख रहा हूं। उन्होंने कहा कि जन सुराज बिहार के विकास के प्रति संकल्पित है।
इसका अपना एक विजन है। उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि Bihar के लिए एक नई व्यवस्था खड़ी हो रही है, जिसका बिहार को लेकर अलग विजन है। ऐसे में मुझे भी अपने समाज और प्रदेश में अपना योगदान देने की इच्छा हुई और नौकरी छोड़कर चला आया। वैसे यह फैसला कठिन था।" उन्होंने इस दौरान जन सुराज के सभी लोगों का आभार जताया।
Bihar बनाना है, जहां रोजगार हो
अभिनेता रितेश पांडेय ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कहा कि प्रशांत किशोर के विचारों से प्रभावित होकर इस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को अन्य राज्यों में कैसे अपमान झेलना पड़ता है, यह मैंने खुद झेला है। अब हम सबको मिलकर नया Bihar बनाना है जहां रोजगार हो।
Bihar की सत्ता अभी कितनी दूर?
प्रशांत किशोर ने जन सुराज के लिए Bihar में राजनीतिक ज़मीन तो तैयार कर ली है, लेकिन वह ज़मीन कितनी उपजाऊ है, इसका अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सकता।
उनकी पार्टी से टिकट मांगने वालों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिन्हें महागठबंधन या एनडीए से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है। लेकिन अगर प्रशांत किशोर इसी तरह ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहते हैं, तो भविष्य में उन्हें बड़ी राजनीतिक सफलता मिल सकती है।
पुराने मठाधीश कितने मजबूत?
प्रशांत की पार्टी और कार्यकर्ता बिहार के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं। इतने कम समय में पूरे Bihar में फैला संगठन खड़ा करना अपने आप में एक बड़ी सफलता है। लेकिन सिर्फ राज्यव्यापी संगठन बना लेना चुनावों में अच्छे प्रदर्शन की गारंटी नहीं हो सकता। Bihar की जनता नए विकल्पों की तलाश में जरूर है, लेकिन पुराने मठाधीश अब भी मजबूत हैं।
भाजपा के पास सबसे मजबूत संगठन, नरेंद्र मोदी जैसा लोकप्रिय चेहरा, और लगभग सभी सामाजिक समूहों के नेता मौजूद हैं। वहीं जदयू के कमजोर होने के बाद भी पार्टी अब भी अति-पिछड़ों और महादलितों के बीच प्रासंगिक है, और उसका ‘लव-कुश’ समीकरण बीते सभी चुनावों में असरदार रहा है। विपक्षी राजद के पास अपने पारंपरिक जातीय वोट बैंक के साथ अल्पसंख्यकों का भी समर्थन है। अन्य छोटे दलों के पास भी नेता मौजूद हैं—जैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, मुकेश साहनी और उपेंद्र कुशवाहा। ऐसे में जन सुराज के लिए सेंधमारी आसान नहीं है।