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भारत सरकार के राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार-2022 के लिए बिहार चयनित, 30 जून, को दिल्ली में मिलेगा अवार्ड

उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस महीने की आखिरी तारीख 30 जून, 2022 को प्रधानमंत्री के हाथों दिये जाने वाले राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार-2022 के लिए चुने गये राज्यों में बिहार भी शामिल है।

10:58 AM Jun 28, 2022 IST | Desk Team

उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस महीने की आखिरी तारीख 30 जून, 2022 को प्रधानमंत्री के हाथों दिये जाने वाले राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार-2022 के लिए चुने गये राज्यों में बिहार भी शामिल है।

पटना , (जे.पी.चौधरी) : उद्योग क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस महीने की आखिरी तारीख 30 जून, 2022 को प्रधानमंत्री के हाथों दिये जाने वाले राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार-2022 के लिए चुने गये राज्यों में बिहार भी शामिल है। बिहार को ‘‘राज्य और संघ शासित प्रदेशों में एमएसएई सेक्टर के प्रोत्साहन और विकास के लिए किये गये उत्कृष्ट कार्यों’’ की कैटेगरी में राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार-2022   के द्वितीय पुरस्कार के लिए चुना गया है।
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बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जें के उद्योगों को आगे बढ़ाने की दिशा में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिये जाने वाले राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार के लिए बिहार के चयन पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बिहार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों एमएसएमई अवार्ड की कैटेगरी में द्वितीय पुरस्कार मिलेगा, लेकिन औद्योगिकीकरण की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार के लिए यह बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के औद्योगिकीकरण का पूरा दारोमदार एमएसएमई सेक्टर पर है। बिहार में पिछले डेढ़ साल में जो करीब 36 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव आये हैं, उनमे से ज्यादातर एमएसएमई सेक्टर के दायरे में आते हैं।
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में बिहार में छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना और राज्य में उद्योगों के विकास के लिए बेहतरीन माहौल तैयार करने के लिए बेइन्तहा कोशिशें की गयी है। राज्य के औद्योगिकीकरण की इन कोशिशों में युवाओं को भी बड़ा भागीदार बनाने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के तहत अत्यंत प्रभावी कदम उठाया गया। वित्तीय  वर्ष 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के लिए 16 हजार लाभार्थियों का चयन किया गया, जिन्हें कुल 10 लाख रूपये की रकम (05 लाख अनुदान और 05 लाख मामूली ब्याज पर ऋण) दी जा रही है। वर्ष 2018 में शुरू हुयी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना जो उस समय सिर्फ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए थी, उसकी सफलता और इसमें अपार संभावनाओं को देखते हुए वित्तीय  वर्ष 2021-22 में इसका जबरदस्त विस्तार दिया गया और यह योजना अनसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ अतिपिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और युवा एवं महिलाएं-हर किसी के लिए शुरू की गयी।

आज बिहार के हर जिले में मुख्यमंत्री उद्यमी योजनओं के लाभार्थियों को प्रशिक्षण देकर उद्यम शुरू करने के लिए 10 लाख रूपये की रकम दो किस्तों में दी जा रही है। इससे राज्य में उद्यमिता के विकास का शानदार माहौल बना है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के तहत लगने वाली इकाईयाँ बिहार में एमएसएमई सेक्टर के ग्रोथ में अभूतपूर्व भागीदारी निभा रही हैं। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के तहत अबतक पूरे राज्य में 04 हजार से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाईयों ने कमर्शियल उत्पादन शुरू कर दिया है, जिनमे 20 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला है। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उद्यमी योजनाओं के तहत चयनित पूराने और नये लाभार्थियों द्वारा उद्यम शुरू किये जाने के बाद 01 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भी जोर है कि पूरे देश में एमएसएमई सेक्टर को मजबूती मिले और हमारी भी कोशिश है कि बिहार के औद्योगिकीकरण में एमएसएमई सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। इसलिए एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने वाले चाहे केन्द्र सरकार की योजना हो या राज्य सरकार की, इस पर हमारा और हमारे विभाग का पूरा ध्यान रहता है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार में एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग के लिए बियाडा द्वारा दी जाने वाली जमीन में 25 प्रतिशत् का आरक्षण एमएसएमई के लिए किया गया है। राज्य में एमएसएमई को प्रोत्साहित करने वाली मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बजट में भी वित्तीय   वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22  में 171.67 प्रतिशत् की अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है। वित्तीय  वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए बजट प्रावधान 120.70 करोड़ रूपये का था, जो वित्तीय  वर्ष 2021-22 में बढ़कर 809.80 करोड़ रूपये हो गया है।

सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राज्य में संचालित पी.एस.यू. कलस्टर योजना, नव-प्रवर्त्तन योजना और मुख्यमंत्री सूक्ष्म, लघु उद्योग कलस्टर योजनायें राज्य में एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए अत्यंत कारगार योजनाएं हैं और इसमें भी पिछले 03 साल में अभूतपूर्व कार्य हुये है। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इन तीनों कलस्टर योजनओं के तहत वर्ष 2019 से 2022 के दौरान कुल 305 कलस्टर चिन्हित किये गये, जिनमे से 197 कलस्टर यानी 64.59 प्रतिशत् कलस्टर पूरी तरह तैयार हैं और राज्य लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योगों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण  भूमिका निभा रहे है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना और केवीआईसी  की स्फूर्ति कलस्टर योजना का भी राज्य में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हो रहा है, इसके तहत भी कई कलस्टर तैयार हो रहे है। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर पूरे देश में एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने की कोशिशों में बिहार ने भी सफलतापूर्वक भागीदारी निभाई है और आगे भी जोर रहेगा कि बिहार की औद्योगिकीकरण में लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग खूब तरक्की करे और राज्य में रोजगार के बेशूमार अवसर पैदा हों।
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