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बिहार में मुर्दे भी डाल रहे थे वोट! चुनाव आयोग की SIR जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

08:57 PM Jul 22, 2025 IST | Amit Kumar
बिहार में मुर्दे भी डाल रहे थे वोट  चुनाव आयोग की sir जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
SIR

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान अब अपने अंतिम चरण में है। इस प्रक्रिया के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं, जो मतदाता व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही हैं। SIR की जांच में यह सामने आया है कि राज्य की मतदाता सूची में अब तक लगभग 18.66 लाख ऐसे मतदाता शामिल थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे नामों को सूची से हटाने की प्रक्रिया जारी है ताकि आने वाले चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सकें।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि लगभग 7.5 लाख मतदाताओं के नाम दो या उससे अधिक स्थानों पर दर्ज हैं। यह आंकड़ा मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठाता है, लेकिन अब इसे ठीक करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।(SIR)

स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाता

इस SIR  जांच में यह भी पता चला कि लगभग 26 लाख मतदाता अपने विधानसभा क्षेत्र से स्थायी रूप से दूसरे क्षेत्रों में स्थानांतरित हो चुके हैं, जबकि 52.30 लाख मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं पाए गए। इसके अलावा, लगभग 11,484 मतदाताओं का कोई पता नहीं चल पाया है, जिन्हें 'अप्राप्त मतदाता' की श्रेणी में रखा गया है।

अब तक की प्रगति

बिहार में कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.16 करोड़ मतदाताओं के गणना फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, जो कि लगभग 90.67% है। डिजिटल माध्यम से प्राप्त फॉर्म की संख्या 90.37% है। इस तरह देखा जाए तो 97.3% मतदाता सूची में शामिल हो चुके हैं, और अब केवल 2.7% मतदाताओं के फॉर्म शेष हैं, जो लगभग 21.36 लाख लोग हैं।(SIR)

सभी पार्टियां और अधिकारी सक्रिय

चुनाव आयोग ने सभी जिलों में राजनीतिक दलों, अधिकारियों और बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं। इसके लिए करीब 1 लाख बीएलओ, 4 लाख वालंटियर्स, और 1.5 लाख बीएलए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।(SIR)

ये भी देखें-Bihar Election 2025: बिहार के Law and Order पर CM Nitish Kumar से Chirag Paswan ने पूछे सवाल |

आपत्तियों का समय: 1 अगस्त से 1 सितंबर

निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक आम जनता ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधारने के लिए आपत्ति दर्ज करा सकती है।राज्य के हर जिले में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उन मतदाताओं की सूची भी दी गई है, जिनके फॉर्म अब तक नहीं मिले हैं या जिनकी जानकारी संदेहास्पद पाई गई है। (SIR)

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