
सोशल मीडिया पर आये दिन कुछ न कुछ चर्चा का विषय बना रहता है | आज कल एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे बिहार के लाल ने धूम मचा रखा है | देखो हम र को ड़ बोलेंगे, पर तुम इसे हमारी लाचारी मत समझना ये लाइन अभी आपको हर बिहारी के जुबा पर सुनाई देगी क्योकि लगभग बिहार के लोगो के साथ देखा गया है की उनके साथ र और ड़ बोलने मे दिक्कत होती है | लेकिन बिहार के लाल साहिल ने एक कविता के जरिये अपने की कमजोरी को अपनी तागत मे बदल दिया है |

साहिल ने अपनी कविता के जरिये उन लोगो को सबक सिखाया हो जो बिहार के लोगो को हीन भावना से देखते है |
कविता की कुछ लाइन
देखो हम र को ड़ बोलेंगे, पर तुम इसे हमारी लाचारी मत कहना
क्योकि समाज मे अइसा फइला है बदहाली, बिहारी होना हो गया है गाली
कविता की ये लाइन अभी सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रही है | इस कविता को लिखा है साहिल नाम के एक 23 साल के युवा ने जो मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है| इस कविता के जरिये साहिल ने उन लोगो पर हमला बोला है जो लोग बिहारी लोगो को नीच नजरों से देखते है | अपने पुरे वीडियो मे साहिल ने बिहारी अंदाज से बिहार के अस्मिता का बखान किया, वीडियो को जो कोई भी देख रहा है वो बिन तारीफ किये बिना थक नहीं रहा है | कविता का टाइटल जागीर है और इसमे उन्होंने बिहारी होने का मतलब समझाया है | ये कविता साहिल ने 2018 मे लिखी थी, लेकिन ये अब वायरल हो रहा है|
ये हैं जागीर की कहानी
एक इंटरव्यू मे 'जागीर' कविता के बारे में बताते हुए साहिल कहते हैं कि एक दोस्त के पूछने पर मैंने खुद को दिल्ली का रहने वाला बताया लेकिन फिर से पूछा की असल मे कहां से हो तब मैं ने बताया की मैं दिल्ली का हु पर मेरे माता-पिता बिहार के है लेकिन ये बात मेरे दिल मे चुबती रही और आगे चल कर उसने यही कविता का रूप ले लिया | साहिल ने अपनी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली मे ही पूरी की है | साहिल की ये कविता उन हर बिहारी के लिए गर्व की बात है जो आपने आप को छोटा और हीन समझते है | एक छोटे से जगह से बड़े जगह मे जाना और अपनी छाप छोड़ना सच मे काफी बड़ी बात होती है |