Chhattisgarh: बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 12 माओवादी ढेर, 3 जवान शहीद
Bijapur Encounter: छत्तीसगढ़ के बस्तर रेंज के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने माओवादी गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है। यह अभियान मुख्य रूप से बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले की अंतरजिला सीमा पर पश्चिम बस्तर डिवीजन में चलाया गया। सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच इस अभियान के दौरान बुधवार सुबह से ही मुठभेड़ जारी रही। जानकारी के अनुसार, अब तक 12 माओवादी मारे गए हैं। मौके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है, जिनमें एसएलआर राइफल और .303 राइफलें शामिल हैं।
Bijapur Encounter: 3 जवान शहीद
इस ऑपरेशन के दौरान तीन सुरक्षा जवान भी शहीद हुए। शहीदों में प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी शामिल हैं। इसके अलावा डीआरजी के एक जवान सोमदेव यादव घायल हुए हैं। उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और अब उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
Bijapur Jungle Encounter: ऑपरेशन की शुरुआत और कार्रवाई
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे डीआरजी दंतेवाड़ा–बीजापुर, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू की, जिसके बाद कई घंटों तक रुक-रुक कर मुठभेड़ चली। उन्होंने यह भी बताया कि इलाके को पूरी तरह से घेरकर तलाशी अभियान जारी है।
12 Naxals killed Bijapur: बस्तर रेंज पुलिस की पुष्टि
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि मुठभेड़ के स्थल से अब तक 12 माओवादी मारे गए हैं और मौके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी की जानी बाकी है।
पिछली बड़ी कार्रवाई का जिक्र
इससे पहले, नवंबर महीने में सुरक्षा बलों ने नेशनल पार्क क्षेत्र के घने जंगलों में बड़े सर्च ऑपरेशन किए थे। उस दौरान डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने अभियान चलाया था। 11 नवंबर को हुई मुठभेड़ में 6 कुख्यात माओवादी मारे गए थे, जिन पर कुल 27 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। यह मुठभेड़ कांदुलनार-कचलारम जंगलों में हुई थी और इसे पश्चिम और दक्षिण बस्तर डिवीजन के लिए बड़ा झटका माना गया था।
सुरक्षा बलों की तैयारी और रणनीति
सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन में क्षेत्र को पूरी तरह से घेरकर नक्सलियों को दबाने की रणनीति अपनाई। सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम ने इलाके में लगातार सर्चिंग की और नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए।