Top NewsIndiaWorld
Other States | HaryanaUttar PradeshRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

प्रश्नपत्र लीक व परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकने के लिए विधेयक पेश

राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धोखाधड़ी, अनुचित साधनों के इस्तेमाल व प्रश्नपत्र लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला एक विधेयक बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश किया।

04:55 AM Feb 25, 2022 IST | Shera Rajput

राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धोखाधड़ी, अनुचित साधनों के इस्तेमाल व प्रश्नपत्र लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला एक विधेयक बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश किया।

राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धोखाधड़ी, अनुचित साधनों के इस्तेमाल व प्रश्नपत्र लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रावधानों वाला एक विधेयक बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश किया।
Advertisement
इस विधेयक में उक्त मामलों में दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने जैसे कड़े प्रावधान हैं।
इसके साथ ही अगर कोई परीक्षार्थी इसके किसी उपबंध के तहत अपराध का दोषी पाया जाता है तो वह दो साल तक किसी सार्वजनिक परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के प्रश्नपत्र लीक को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही राजस्थान सरकार ने कहा था कि वह इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कड़े प्रावधानों वाला विधेयक लाएगी।
उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में संपत्तियों की कुर्की व जब्ती का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक, 2022 सदन में रखा।
इस विधेयक का उद्देश्य स्वायत्त निकायों, प्राधिकारियों, बोर्डों या निगमों सहित राज्य सरकार के अधीन किसी पद पर भर्ती के लिए आयोजित होने वाली सार्वजनिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों के लीक होने और अनुचित साधनों के उपयोग की रोकथाम व नियंत्रण के लिए प्रभावी उपायों की व्यवस्था करना है।
विधेयक में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति, समूह या किसी सामग्री से सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत सहायता लेता पाया जाता है तो उसे तीन साल तक की जेल की सजा और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसी तरह यदि परीक्षार्थी सहित कोई व्यक्ति प्रश्न पत्र के प्रतिरूपण या प्रकटन या प्रकटन का प्रयास या प्रकटन का षड्यंत्र करता है या अनधिकृत तरीके से प्रश्न पत्र को हल करता है/ हल करने का प्रयास करता है या सार्वजनिक परीक्षा में अनाधिकृत तरीके से परीक्षार्थी की सहायता करता है तो ऐसे मामलों में दोष सिद्ध होने पर पांच साल से 10 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने प्रश्न पत्र लीक होने के कारण सितंबर 2021 में आयोजित रीट लेवल दो की परीक्षा रद्द कर दी थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए विधेयक लाने का भी ऐलान किया था।
Advertisement
Next Article