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BJP ने की CM ममता की आलोचना, सुधांशु बोले- बंगाल की गौरवशाली धरती को किया जा रहा कलंकित

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हुई घटना को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए भाजपा राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि बंगाल की गौरवशाली धरती को कलंकित किया जा रहा है।

01:23 PM Mar 29, 2022 IST | Desk Team

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हुई घटना को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए भाजपा राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि बंगाल की गौरवशाली धरती को कलंकित किया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हुई घटना को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि बंगाल की गौरवशाली धरती को कलंकित किया जा रहा है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की विधानसभा में जो कुछ हुआ, क्या वो बंगाली भद्रलोक का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जो बंगाल रवींद्र संगीत से लेकर कला, साहित्य, संस्कृति और क्रांतिकारियों की धरती रही है उसे आज कलंकित किया जा रहा है। राज्य में हत्याएं हो रही है, लोगों को जिंदा जलाया जा रहा है और उस पर भी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखिए।
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BJP संसदीय दल की बैठक पर कही यह बात 
भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए निदेशरें के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह विचार है कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान भाजपा का स्थापना दिवस आ रहा है। इस दौरान समाज के अंतिम पायदान तक के व्यक्ति का विकास, सामाजिक न्याय और संविधान, भारतीय संस्कृति, सुरक्षा और शक्ति का संचय से जुड़े कार्यों में सभी सांसदों को अपना-अपना योगदान देना चाहिए।
गुमनाम नायकों को लेकर PM मोदी ने दिया यह संदेश
संसदीय दल की बैठक के बाहर आजादी के गुमनाम नायकों को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी के बारे में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह संदेश दिया है कि देश के विभिन्न इलाकों में, विभिन्न अंचलों में हजारों लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया है जिन्हें इतिहास के पन्नों में समुचित जगह नहीं मिल पाई है, उन सबको समुचित स्थान और सम्मान देने का यह प्रयास हैं ताकि यह पता लग सके कि विश्व का इतना बड़ा देश जो विश्व के प्राचीनतम जीवित सभ्यताओं में से एक है कि चेतना कितनी व्यापक थी और कितने लोगों का उसमें योगदान था। यह उन लोगों को भी जवाब है जो इतिहास को एक व्यक्ति, एक पार्टी और एक विचारधारा की बपौती मानते हैं।
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