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नीतीश कुमार पर भाजपा ने लगाए धार्मिक भावना आहत करने के आरोप, अन्य धर्म के मंत्री को दिया मंदिर में प्रवेश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भाजपा ने धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने एक अन्य धर्म के मंत्री को एक प्राचीन मंदिर के अंदर ले जाकर हिंदू संवेदनाओं को जानबूझकर अपमानित किया है।

08:03 PM Aug 23, 2022 IST | Desk Team

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भाजपा ने धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने एक अन्य धर्म के मंत्री को एक प्राचीन मंदिर के अंदर ले जाकर हिंदू संवेदनाओं को जानबूझकर अपमानित किया है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भाजपा ने धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने एक अन्य धर्म के मंत्री को एक प्राचीन मंदिर के अंदर ले जाकर हिंदू संवेदनाओं को जानबूझकर अपमानित किया है। 
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मुख्यमंत्री के साथ मंदिर के दर्शन का अवसर पाकर मैं खुद को धन्य महसूस कर रहा हूंः मंत्री 
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को गया के विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना की थी और उनके साथ उनके नए सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के कैबिनेट सहयोगी मोहम्मद इसराइल मंसूरी भी थे। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग रखने वाले पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले मंसूरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के साथ मंदिर के दर्शन का अवसर पाकर मैं खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं।’’ परंपरा के अनुसार बिहार में मंत्रियों को जिलों के प्रभार दिए जाते हैं, जहां वे संबंधित कार्यक्रम समन्वय समिति के प्रमुख भी होते हैं। मंसूरी को गया का प्रभार दिया गया है। हालांकि बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं। क्या वह मक्का के अंदर प्रवेश करने के बारे में सोच सकते हैं।’’ जायसवाल ने पूछा कि हिंदुओं को हमेशा सहिष्णुता के नाम पर अपनी धार्मिक संवेदनाओं को क्यों समायोजित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री माफी मांगने से इनकार करते हैं तो उन्हें राज्य विधानसभा सहित हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पडेगा।’’
पीड़ा व्यक्त करने से हिचक रहे हैं मंदिर के पुजारी 
यह पूछे जाने पर कि मंदिर के पुजारी पीड़ा व्यक्त करने से हिचक रहे हैं, भाजपा नेता ने कहा, ‘‘एक आम आदमी ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है जब मुख्यमंत्री हिंदू संवेदनाओं का जानबूझकर अपमान करने का इरादा रखते हैं।’’ मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष और सचिव शंभू लाल विट्ठल और गजधर लाल पाठक ने कहा कि उन्हें मंसूरी के प्रवेश की जानकारी नहीं थी लेकिन उन्हें इससे बचना चाहिए था क्योंकि परिसर के बाहर एक नोटिस बोर्ड में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केवल सनातन धर्म में विश्वास करने वाले को मंदिर के भीतर प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। इस बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी भाजपा (की बात) पर ध्यान नहीं देता है जो कि ‘‘बड़का झूठा पार्टी’’ है।
जदयू के वरिष्ठ नेता और एक अन्य कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, ‘‘यह भाजपा की मानसिकता है कि हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के पूजा स्थलों पर नहीं जाएं। हम मंदिरों और मजारों में एक ही भावना से जाते हैं।’’ यह बताये जाने पर कि विष्णुपद मंदिर के भीतर गैर-हिंदुओं का प्रवेश निषिद्ध है, चौधरी ने कहा, ‘‘मंसूरी जी को इस बारे में पता नहीं था। लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं है जिस पर हंगामा किया जाना चाहिए।’’
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