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अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का आमंत्रण ठुकराने को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। भाजपा सांसद और पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमनाथ से लेकर भगवान राम को मिथक बताने तक कई अवसरों का हवाला देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकराना कांग्रेस की पुरानी प्रवृति के अनुरूप है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि चंद कट्टरपंथी वोटों के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भगवान राम के खिलाफ खड़े हो गए हैं। सुधांशु त्रिवेदी के अनुसार, कांग्रेस समेत विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करते-करते भारत का विरोध करने लगे थे और अब वह भगवान के विरोध तक पहुंच गया है। उन्होंने मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को 500 सालों के बाद भारत के स्वाभिमान का उभार बताते हुए कहा कि ऐतिहासिक अवसरों पर विरोध कांग्रेस की प्रवृति बन गई है। उन्होंने इसके लिए संसद के नए भवन के उद्घाटन, जीएसटी, जी-20 के अवसर पर राष्ट्रपति के भोज, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न दिये जाने के समारोह का बहिष्कार का उदाहरण दिया।
उन्होंने सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह से पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की दूरी बनाने, इंदिरा गांधी के समय गौरक्षक संतों पर गोली चलाने और सोनिया गांधी के अध्यक्षीय काल के दौरान भगवान राम को काल्पनिक बताने का उदाहरण देते हुए कांग्रेस को हिंदू धर्म और संस्कृति का विरोधी करार दिया।
भगवान राम को सभी धर्मों और संस्कृतियों में स्वीकार्य बताते हुए भाजपा प्रवक्ता ने विवाद में मुस्लिम पक्ष की ओर मुकदमा करने वाले इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया है और उन्होंने इसे स्वीकार भी कर लिया है, लेकिन कांग्रेस ने भारत और भारतीयता के श्रेष्ठतम मूल्यों के प्रतीक भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार करके ये साफ कर दिया है कि उसके लिए भगवान राम की तुलना में कट्टरपंथ की राजनीति अधिक महत्वपूर्ण है।