W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

इंदौर में भाजपा उम्मीदवार लालवानी ने 11.75 लाख वोट से चुनाव जीतकर रचा इतिहास

05:04 PM Jun 04, 2024 IST | Yogita Tyagi
इंदौर में भाजपा उम्मीदवार लालवानी ने 11 75 लाख वोट से चुनाव जीतकर रचा इतिहास

इंदौर लोकसभा क्षेत्र में निवर्तमान सांसद और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शंकर लालवानी ने मंगलवार को 11,75,092 वोट के विशाल अंतर से चुनाव जीतकर रिकॉर्ड कायम किया और इस सीट पर भाजपा का 35 साल पुराना कब्जा बरकरार रखा। यह मौजूदा लोकसभा चुनाव में देश भर की 543 सीट में संभवत: जीत का सबसे बड़ा अंतर है। अपने उम्मीदवार के पर्चा वापस लेने के कारण कांग्रेस के इंदौर में चुनावी दौड़ से बाहर होने के बाद लालवानी ने 12,26,751 वोट हासिल किए। लालवानी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी संजय सोलंकी को 51,659 मतों से संतोष करना पड़ा।

  • शंकर लालवानी ने 11,75,092 वोट से चुनाव जीतकर रिकॉर्ड कायम किया
  • इस सीट पर भाजपा का 35 साल पुराना कब्जा बरकरार रखा

इंदौर में NOTA को 2,18,674 वोट हुए हासिल

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.48 लाख वोट से हराया था। इंदौर में इस बार 'नोटा' को 2,18,674 वोट हासिल हुए और यह भी एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
लालवानी ने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इंदौर में भाजपा की जीत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की जीत है।’’ लालवानी ने कहा कि इंदौर में चुनावी दौड़ से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से ‘नोटा’ की अपील करके नकारात्मक भूमिका निभाई।

जनता ने कांग्रेस को नकारा- लालवानी

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को जितने वोट मिले थे, इस बार उसके आधे वोट भी कांग्रेस के समर्थन वाले नोटा को नहीं मिल सके। यह दर्शाता है कि इंदौर की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है।’’ लालवानी ने कहा कि वह सांसद के तौर पर अपने नये कार्यकाल के दौरान इंदौर में यातायात, पेयजल और पर्यावरण के क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए काम करेंगे। इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर 'नोटा' का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Advertisement W3Schools
Author Image

Yogita Tyagi

View all posts

Hello, I'm Yogita Tyagi your wordsmith at Punjab Kesari Digital. Simplifying politics and health in Hindi, one story at a time. Let's make news easy and fun.

Advertisement
×