
कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन का विधान सभा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा, यहां तक कि जाटलैंड कहे जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाता भी भाजपा के पक्ष में ही वोट करेंगे। यह दावा करते हुए भाजपा के एक दिग्गज नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की कहानी 10 फरवरी यानि पहले चरण से ही शुरू हो जाएगी जो 7वें और अंतिम चरण तक कायम रहेगी।
सपा-रालोद गठबंधन ने भाजपा को ब्रज क्षेत्र को कमजोर कर दिया है
दरअसल, प्रदेश में पहले चरण के तहत 10 फरवरी को 58 सीटों पर और दूसरे चरण के तहत 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान होना है। इस पश्चिम और ब्रज क्षेत्र को किसानों का गढ़ कहा जाता है। इसी इलाके से किसान आंदोलन के अगुवा रहे राकेश टिकैत आते हैं और विपक्षी यह दावा कर रहे हैं कि सपा-रालोद गठबंधन ने भाजपा को इस इलाके में कमजोर कर दिया है।
पहले दोनों चरणों में होने वाले चुनाव में किसानों के आंदोलन का कोई असर नहीं होगा
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के दावे के विपरीत भाजपा के दिग्गज नेता ने यह दावा किया है कि पहले दोनों चरणों में होने वाले चुनाव में किसानों के आंदोलन का कोई असर नहीं होगा और पार्टी इस बार भी इस इलाके में 2017 से कम सीटें नहीं जीतेगी यानि पार्टी ने 2017 में जितनी सीटों पर जीत हासिल की थी इस बार उसके बराबर या उससे ज्यादा सीट ही हासिल करेगी।
दूसरे चरण के तहत राज्य की 113 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है
आपको बता दें कि पहले और दूसरे चरण के तहत राज्य की 113 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। इसमें से 105 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार की घोषण कर चुकी है और बची हुई 8 सीटों पर भी पार्टी जल्द ही अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर सकती है।
ब्रज क्षेत्र में पार्टी को मथुरा के मुद्दे पर भारी जनसमर्थन मिलने की भी उम्मीद
आपको बता दें कि , भाजपा के कुशल रणनीतिकार और उत्तर प्रदेश में कई बार कामयाबी हासिल कर चुके अमित शाह 23 जनवरी से एक बार फिर उत्तर प्रदेश का मैराथन दौरा करने वाले हैं। यह बताया जा रहा है कि शाह पश्चिम और ब्रज सहित पूरे प्रदेश का दौरा कर सभी विधानसभा सीटों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। चुनावी मुहिम के तहत शाह पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय के नेताओं के साथ भी मुलाकात कर सकते हैं । वहीं ब्रज क्षेत्र में पार्टी को मथुरा के मुद्दे पर भारी जनसमर्थन मिलने की भी उम्मीद है।