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BJP ने सहनी को दिया केंद्रीय मंत्री बनाने का 'ऑफर'...नहीं बनी बात तो किया बर्खास्त? जानें क्या बोले VIP प्रमुख

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए से निकाले जाने के बाद वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने कहा कि यह घर हमारा था, लेकिन आज उनके पास ताकत है इसलिए बेदखल कर दिया।

01:43 PM Mar 29, 2022 IST | Desk Team

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए से निकाले जाने के बाद वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने कहा कि यह घर हमारा था, लेकिन आज उनके पास ताकत है इसलिए बेदखल कर दिया।

बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से निकाले जाने के बाद मंगलवार को पहली बार पत्रकारों के सामने आए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक मुकेश सहनी ने कहा कि यह घर हमारा था, लेकिन आज उनके पास ताकत है इसलिए बेदखल कर दिया। इस दौरान सहनी ने कहा कि बीजेपी मुझे कहती थी कि अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में कर दीजिए, राज्यसभा भेजकर केंद्रीय मंत्री बना दिए जाएंगे। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बना दिए जाएंगे, लेकिन मैं नहीं माना। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि मछुआरों और अति पिछड़ों के हक और अधिकार की लड़ाई वे लड़ते रहेंगे। 
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13 करोड़ जनता की सेवा करना का किया हर मुमकिन प्रयास :सहनी 
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहनी ने कहा कि 16 महीने के मंत्री कार्यकाल में मैंने राज्य की 13 करोड़ जनता की सेवा करना का प्रयास किया। सभी जाति-धर्म के लोगों के लिए काम किया। उन्होंने बिहार के लोगों, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के सभी सहयोगी दलों का आभार भी जताया। उन्होंने राज्य की जनता को भरोसा देते हुए कहा कि अतिपिछड़ा समाज के आरक्षण को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने एवं बिहार के सम्मान और हर जाति धर्म के सम्पूर्ण विकास के लड़ाई के लिए संघर्ष करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों की बदौलत ही यहां तक पहुंचा हूं, इस कारण उनको ठगने का सवाल ही नहीं उठता।
संजय जायसवाल के आरोपों का भी दिया जवाब 
उन्होंने पत्रकारों के जरिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल द्वारा लगाए गए आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए कहा कि वे सहकारिता विभाग के मामलों को पशु मत्स्य संसाधन से जोड़ रहे हैं। उन्होंने जायसवाल पर गलत बयानबाजी का भी आरोप लगाया। सहनी ने कहा कि मछुआरा समिति सदस्यता अभियान शुरू करने से पूर्व सहकारिता विभाग ने मत्स्य विभाग से मंतव्य तक नहीं लिया। आज भी ऑनलाइन आवेदन के बाद बिना मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री के सहमति के कोई भी सदस्य नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य सिर्फ अधिक से अधिक मच्छुआरो को समिति का सदस्य बनाना था, जिससे उनको किसान सम्मान निधि के 6000 रुपए मिल सके।
अपने साथ हुए अन्याय को लेकर जनता के पास जायेंगे सहनी 
सहनी ने यह भी कहा कि मत्स्यजीवी सहयोग समिति में होने वाले आंतरिक विवाद एवं लड़ाई को खत्म करने के लिए सहकारिता विभाग के सचिव ने ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अध्यक्ष और मंत्री पद में से एक पद रखने का सुझाव दिया था, और यह काम सहकारिता विभाग का है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह भी बिना कानून में संशोधन के सम्भव ही नहीं है।
विभाग से पैसे खर्च नहीं होने के संजय जयसवाल के आरोप पर उन्होंने कहा कि हमने मछुआ समाज के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई, लेकिन वित्त विभाग द्वारा राशि निर्गत नहीं की गई। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए कई बार पित पत्र लिखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय को 25 फरवरी 2022 को आयोजित एनडीए विधायक दल के बैठक में भी उठाया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि इस अन्याय को लेकर जनता के पास जायेंगे।
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