For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

जनता की तरफ से BJP ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र किया जारी

दिल्ली प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जनता का दोषी करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जनता के साथ किए गए हर वादे को केजरीवाल भूल गए हैं।

12:29 AM Nov 18, 2022 IST | Shera Rajput

दिल्ली प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जनता का दोषी करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जनता के साथ किए गए हर वादे को केजरीवाल भूल गए हैं।

जनता की तरफ से bjp ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र किया जारी
दिल्ली प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जनता का दोषी करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जनता के साथ किए गए हर वादे को केजरीवाल भूल गए हैं। इसलिए जनता की तरफ से भाजपा ने आज केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया है।
Advertisement
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और आरोप पत्र के लिए बनाई गई समिति के सदस्यों ने आज यह आरोप पत्र जारी करते हुए कहा कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली पूरी तरह बर्बाद हो गई है। बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, सड़क, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, समाज कल्याण, ग्रामीण इलाके और रोजगार के क्षेत्र में केजरीवाल ने जनता के साथ जो भी वादे किए थे, वे झूठे साबित हुए हैं। सच तो यह है कि केजरीवाल जनता की नजरों में दिल्ली की बदहाली के लिए पूरी तरह दोषी हैं। इसलिए जनता आगामी नगर निगम चुनावों में इस वादाखिलाफी के कारण केजरीवाल को सजा देगी।
बिधूड़ी ने आरोप पत्र के आरोपों को गिनवाते हुए बताया कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ वादा किया था कि 24 घंटे पानी उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन पिछले आठ सालों में पानी की सप्लाई में एक एमजीडी की भी बढ़ोतरी नहीं हुई। दिल्ली में पानी की सप्लाई 900 एमजीडी है जबकि मांग 1300 एमजीडी को पार कर गई है। दिल्ली की 40 फीसदी आबादी को दिल्ली जल बोर्ड का पानी नहीं मिलता। जहां पानी आता भी है, वहां इतना गंदा है कि लोग कैंसर, लीवर और किडनी की बीमारियों से त्रस्त हो रहे हैं। इसी तरह सीवर लाइन का भी विस्तार नहीं हो सका। गांवों और 83 फीसदी अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन नहीं डाली गई। केजरीवाल ने 15 हजार बसें खरीदने का वादा किया था लेकिन डीटीसी की बसों की संख्या आठ साल में 6500 से घटकर 3760 रह गई है और ये सारी बसें भी ओवरएज हो चुकी हैं जिनमें रोज आग लग रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट न मिलने से लोग निजी वाहन सड़क पर उतारने के लिए मजबूर है जिससे भीड़, जाम, प्रदूषण और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली के बिल हाफ करने के नाम पर भी जनता के साथ धोखा किया गया है। फिक्स चार्ज, पेंशन चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स के कारण दिल्ली में बिजली पूरे देश की तुलना में सबसे महंगी है। औसतन घरेलू बिजली 8.50 रुपए प्रति यूनिट और कमर्शियल बिजली 18 रुपए प्रति यूनिट मिल रही है। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल तो दिल्ली की जनता कोरोना काल में देख ही चुकी है। केजरीवाल ने दिल्ली में 30 हजार नए बेड देने का वादा किया था लेकिन आठ साल में सिर्फ 2918 बेड बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को बूचड़खाना कहा है। दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लीनिकों का बहुत बखान करती है लेकिन मोहल्ला क्लीनिकों में न प्रशिक्षित डॉक्टर हैं और न ही दवाइयां। मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों की गलत दवाई से कई बच्चों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के नाम पर 22.25 लाख रुपए की लागत से 16 बाइक खरीदकर बाइक एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी लेकिन वह बंद हो गई और बाइक खड़ी-खड़ी कबाड़ हो गईं। मोदी सरकार की 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की आयुष्मान भारत योजना को विधानसभा में घोषणा के बावजूद दिल्ली में लागू नहीं होने दिया गया। पिछले आठ सालों में केजरीवाल सरकार की ओर से दिल्ली में एक भी नया अस्पताल नहीं खोला गया।
Advertisement
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्च र का विस्तार केजरीवाल सरकार के विकास मॉडल में कहीं है ही नहीं। इसलिए वादा तो था 50 फ्लाई ओवर बनाने का लेकिन एक भी फ्लाईओवर का नया प्रोजेक्ट नहीं दिया। सीसीटीवी और फ्री वाई फाई के वादे को भी भूल गए। ज्यादातर सीसीटीवी खराब पड़े हैं या चोरी हो गए जबकि वाई फाई का तो अता-पता ही नहीं है। दिल्ली के ऑटो वालों से भी ऑटो स्टैंड, ऑटो खरीदने में सबसिडी और चालान होने पर गाड़ी जब्त न करने जैसे वादे किए थे। वे भी सभी हवा-हवाई हो गए।
भाजपा के आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नैतिकता को भी तिलांजलि दे दी है। वह कहते थे कि न बंगला लेंगे, न गाड़ी और न सुरक्षा। अब मुख्यमंत्री की लग्जरी कार के साथ 30 गाड़ियों का काफिला चलता है। यही नहीं, केजरीवाल के रहने के लिये करोड़ों की लागत से महल बनाया गया और जिसमें अकेले स्विमिंग पूल पर ही कई करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये। अब 100 से ज्यादा दिल्ली और पंजाब पुलिस के कर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात हैं। अनैतिकता का आलम यह है कि सिर्फ वोटों के लिए मस्जिदों में इमामों को हर महीने 30-30 हजार रुपया वेतन दिया जा रहा है जबकि पुजारियों, ग्रंथियों, बौद्ध मठों और गिरजाघरों के पादरियों को एक पैसे का भी वेतन नहीं दिया जाता। रोहिंग्या और बंगलादेशियों को दिल्ली में सरकार जमीन पर बसाया गया है और उन्हें मुफ्त बिजली, पानी, राशन, महिलाओं को डीटीसी बसों में यात्रा और पेंशन के साथ-साथ उनके बच्चों को पब्लिक स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कोटे से शिक्षा दी जा रही है। दूसरी तरफ पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं और सिखों को वादा करके भी कोई सुविधा नहीं दी गई। जहांगीरपुरी और यमुनापार में हुए दंगों में आप नेताओं और समर्थकों के हाथ को पूरी दिल्ली की जनता देख चुकी है।
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
×