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भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर उत्तर भारतीयों का अनादर करने का लगाया आरोप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘अवसरवादी’ होने के साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने दक्षिणी राज्य केरल में दिए अपने भाषण से उत्तर भारतीयों का अनादर किया।

01:29 AM Feb 24, 2021 IST | Shera Rajput

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘अवसरवादी’ होने के साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने दक्षिणी राज्य केरल में दिए अपने भाषण से उत्तर भारतीयों का अनादर किया।

भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर उत्तर भारतीयों का अनादर करने का लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘अवसरवादी’ होने के साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने दक्षिणी राज्य केरल में दिए अपने भाषण से उत्तर भारतीयों का अनादर किया। 
तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, ‘‘पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर (भारत) से एक सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।’’ 
भाजपा ने इन टिप्पणियों को उत्तर भारतीयों के खिलाफ बताया और भाजपा के कई नेताओं ने गांधी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह अवसरवादी हैं जबकि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में अमेठी से कई चुनाव जीते हैं। 
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कुछ दिन पहले वह (गांधी) पूर्वोत्तर में थे, भारत के पश्चिमी हिस्से के खिलाफ जहर उगल रहे थे। आज वह दक्षिण में उत्तर के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। विभाजन और शासन की राजनीति काम नहीं करेगी राहुल गांधीजी! लोगों ने इस राजनीति को खारिज कर दिया है। देखें गुजरात में आज क्या हुआ!’’ 
वह परोक्ष तौर पर गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की जीत की ओर इशारा कर रहे थे। 
गांधी की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें ‘‘एहसान फरामोश’’ बताया और कहा कि इस तरह के व्यक्ति के बारे में लोकप्रिय कहावत है ‘‘थोथा चना बाजे घना।’’ 
ईरानी ने पिछले आम चुनाव में गांधी को उनके पारिवारिक गढ़ माने जाने वाली अमेठी में हराया था, लेकिन वह केरल में वायनाड से जीत गए थे। वह वायनाड से भी चुनाव लड़े थे। 
एक अन्य केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘‘अमेठी के लोगों ने आपके पूरे परिवार को इतने मौके दिये हैं। अगर आप अच्छे हैं तो भारत के हर हिस्से के लोग अच्छे हैं।’’ 
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘उन्हें देखिये। जो व्यक्ति अपनी लोकसभा सीट बचाने के लिए केरल भागा उसने उत्तर भारतीयों की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाया, इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने ईमानदारी से उनके परिवार को पीढ़ियों से वोट दिया है…।’’ 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं दक्षिण से आता हूं। मैं पश्चिमी राज्य से एक सांसद हूं। मैं उत्तर में पैदा हुआ, शिक्षित हुआ और काम किया। मैंने दुनिया के सामने पूरे भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत एक है। किसी भी क्षेत्र को कमतर नहीं करें। हमें कभी विभाजित न करें।’’ 
तिरुवनंतपुरम में केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला की अगुवाई में 22 दिनों तक चलने वाली ऐश्वर्या यात्रा के समापन पर आयोजित एक सभा में गांधी ने तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा था और कहा था भाजपा सरकार का उद्देश्य किसानों के बाजार को नष्ट करना है और उन्हें उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिलना है। 
कांग्रेस नेता ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कम कीमत के बावजूद बढ़ती ईंधन कीमतों का लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला किया और दावा किया कि दोनों सरकारें देश के सबसे अमीर लोगों को पैसा दे रही हैं। 
गांधी ने कहा कि उन्होंने केरल से बहुत कुछ सीखा है और यहां ‘‘लोगों के ज्ञान’’ के बारे में थोड़ा समझ गए हैं। 
गांधी ने सभा में कहा कि हाल ही में अमेरिका में कुछ छात्रों के साथ बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उन्हें ‘‘केरल में जाना अच्छा लगता है क्योंकि आप जिस तरह से राजनीति करते हैं।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में, मैं अमेरिका में कुछ छात्रों से बात कर रहा था और मैंने कहा कि मुझे वास्तव में केरल जाना अच्छा लगता है और मुझे वायनाड जाना बहुत पसंद है। यह केवल स्नेह के चलते नहीं है, क्योंकि स्नेह बेशक है, बल्कि इस वजह से कि आप जिस तरह से अपनी राजनीति करते हैं।’’ 
उन्होंने कहा था, ‘‘अगर मैं कहूं तो आप जिस बुद्धिमत्ता के साथ अपनी राजनीति करते हैं। इसलिए मेरे लिए, यह एक सीखने का अनुभव और आनंद है।’’ 
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Shera Rajput

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