किसानों पर विवादित बयान के बाद बैकफुट पर BJP सांसद, बोले- मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया
किसान आंदोलन के कारण सिंघु बॉर्डर और बहादुरगढ़ बॉर्डर पर कई कंपनियां बंद हैं
राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा ने पत्रकार वार्ता में किसानों को पूरे देश का गौरव बताते हुए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 12 दिसंबर को महम शुगर मिल के पेराई सत्र के उद्घाटन कार्यक्रम में जब उन्होंने किसानों को संबोधित किया था, तो उनका उद्देश्य यह था कि किसान आंदोलन के कारण सिंघु बॉर्डर और बहादुरगढ़ बॉर्डर पर कई कंपनियां बंद हैं, जिनमें काम करने वाले 500 से 700 पुरुष और महिलाओं को यह पता ही नहीं है कि वे किस कंपनी में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के बाद जब फैक्ट्रियां बंद हुईं, तो इससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। जांगड़ा ने यह भी कहा कि 2021 से पहले हरियाणा में चिट्टा, स्मैक और नशीली वैक्सीन जैसे नशे का प्रचलन नहीं था, लेकिन पंजाब के किसानों के आंदोलन में शामिल होने के बाद कुछ लोग हरियाणा में आकर नशे को बढ़ावा देने लगे।
इसके कारण हरियाणा के गांवों में नशे का प्रचलन बढ़ गया और परिणामस्वरूप कई युवा नशे के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने किसानों के खिलाफ कोई अपमानजनक शब्द का प्रयोग नहीं किया, जिससे उन्हें ठेस पहुंचे। इसके साथ ही जांगड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि किसानों की आय न केवल दोगुनी हो बल्कि पांच से छह गुना बढ़े, इसके लिए वे किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
जांगड़ा ने यह भी कहा कि यदि उनकी किसानों के प्रति कोई गलत मंशा होती तो वे किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करते। प्रेस वार्ता में शामिल हुए किसानों ने यह भी कहा कि पिछले दो वर्षों से उनके गांव के सभी किसान खुश हैं और उनकी खेती अच्छी चल रही है। किसानों ने यह भी कहा कि जो लोग राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा को किसान विरोधी कहते हैं, वे केवल विपक्षी नेताओं के बहकावे में आकर ऐसा कर रहे हैं। वे लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं।