स्लोगन पेश करने में जुटी भाजपा
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सिरसा: हिन्दुस्तान के राजनीतिक इतिहास में सबसे कम उम्र के हरियाणा के हिसार से लोकसभा सांसद बने दुष्यंत चौटाला ने विदेश में पढ़ाई करते हुए शायद कभी ये नही सोचा होगा कि वो हरियाणा के राजनीतिक मैदान में ऐसे वक्त पर कूदेगें, जब उनके परिवार पर संकट आया हुआ होगा और संकट भी ऐसा कि उनके पिता और दादा को 3206 लोगों को रोजगार देने के बदले जेल जाना पड़ेगा और प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां उनकी पार्टी इनेलो के खत्म होने का प्रचार करने में जुट जाएगी।
बेहद शालीन, नरम स्वभाव और मृदभाषी दुष्यंत चौटाला के साथ-साथ उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला को भी परिवार पर आए संकट के बाद राजनीतिक मैदान में आना पड़ा था लेकिन आज के दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को देखकर या मिलकर कोई भी ये नही कह सकता कि ये दोनो नौजवान 16 जनवरी 2013 के बाद ही राजनीति में आए है क्योकि दोनो भाई हरियाणा की राजनीति को बेहद ही करीब से बहुत ही कम समय में जान चुके है और हरियाणा के लोगों में अपनी एक विशेष पहचान कायम कर ली है।
दुष्यंत चौटाला को बेशक राजनीति विरासत में मिली है लेकिन दुष्यंत ने साल 2013 के बाद से ही लगातार पूरे हरियाणा भर में अपनी एक ऐसी पहचान स्थापित कर ली कि आज दुष्यंत चौटाला को युवा अपना ऑईकन मानने लगे है। दुष्यंत ने अपना पहला चुनाव हिसार लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजन लाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई के सामने लड़ा।
दुष्यंत ने जब लोकसभा का चुनाव लड़ा तो हरियाणा में ही नही बल्कि पूरे देश में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम की लहर चल रही थी लेकिन जब परिणाम सामने आए तो उसने सबको चौंका कर रख दिया। दुष्यंत हिन्दुस्तान के सबसे कम उम्र के सांसद बनने का खिताब अपने नाम कर चुके थे। केन्द्र की मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार के कामकाज और हरियाणा के वर्तमान हालातों के साथ-साथ इंडियन नैशनल लोकदल द्वारा आगामी 25 सितम्बर को भिवानी में की जा रही सम्मान दिवस रैली को लेकर सांसद दुष्यंत चौटाला से की गई विशेष बातचीत के अंश कुछ इस प्रकार है।