W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

रक्षा मंत्रालय का राहुल को जवाब - भारत ने कोई जमीन चीन के हवाले नहीं की, सेना का असम्मान न करें

भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावे को नहीं छोड़ा है।

05:38 PM Feb 12, 2021 IST | Ujjwal Jain

भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावे को नहीं छोड़ा है।

रक्षा मंत्रालय का राहुल को जवाब   भारत ने कोई जमीन चीन के हवाले नहीं की  सेना का असम्मान न करें
Advertisement
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावे को नहीं छोड़ा है।
Advertisement
सरकार का यह बयान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया। साथ ही, उन्होंने इस समझौते को लेकर भी सवाल उठाये।
इस पर, रक्षा मंत्रालय ने कड़े शब्दों वाला एक बयान जारी कर कहा कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में देश के राष्ट्रीय हित और भूभाग की प्रभावी तरीके से रक्षा की गई है, क्योंकि सरकार ने सशस्त्र बलों की ताकत पर पूरा भरोसा दिखाया है। बयान में कहा गया है, ‘‘जिन्हें हमारे सैन्य कर्मियों के बलिदान से हासिल की गई उपलब्धियों पर संदेह है, दरअसल वे उनका (शहीद सैनिकों का) असम्मान कर रहे हैं।’’
मंत्रालय ने बयान में कुछ खास स्पष्टीकरण दिया है और कहा, ‘‘यह कहना कि भारतीय भूभाग ‘फिंगर 4’ तक है, सरासर गलत है। जैसा कि भारत के नक्शे में भारतीय भूभाग प्रदर्शित किया गया है, उसमें यह भी शामिल है कि 43,000 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। ’’
Advertisement
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘यहां तक कि भारतीय धारणा के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) ‘फिंगर 8’ पर है, ना कि ‘फिंगर 4’ पर है। यही कारण है कि भारत ‘फिंगर 8’ तक गश्त का अधिकार होने की बात लगातार कहता रहा है, जो चीन के साथ मौजूदा सहमित में भी शामिल है। ’’
बयान में कहा गया है, ‘‘भारत ने समझौते के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके पर दावे को नहीं छोड़ा है। इसके उलट, उसने एलएससी का सम्मान सुनिश्चित किया और एकतरफा तरीके से यथास्थिति में कोई बदलाव करने से रोका है। ’’ मंत्रालय ने यह भी कहा पैंगोंग सो के उत्तरी तट पर दोनों तरफ की चौकियां पहले से हैं और अच्छी तरह से काम कर रही हैं।
राहुल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सरकार अपने पुराने रुख को भूल गई। चीन के सामने नरेंद्र मोदी ने अपना सिर झुका दिया, मत्था टेक दिया। हमारी जमीन फिंगर 4 तक है। मोदी ने फिंगर 3 से फिंगर 4 की जमीन जो हिंदुस्तान की पवित्र जमीन थी, चीन को सौंप दी है।’’
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है।
Advertisement
Author Image

Ujjwal Jain

View all posts

Advertisement
Advertisement
×