जिन्ना की सराहना करने पर BJP ने अखिलेश यादव को घेरा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को ट्वीट किया कि सरदार पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे हैं।
11:30 PM Oct 31, 2021 IST | Shera Rajput
भाजपा ने पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना की सराहना करने पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तीखी आलोचना।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को ट्वीट किया ” सरदार पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे हैं।”
सरदार पटेल जी की जयंती पर @yadavakhilesh मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे है? pic.twitter.com/FWRVPX9eYO
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) October 31, 2021
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने रविवार को अखिलेश यादव का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया ” सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर भी इनको अपने आदर्श ‘जिन्ना’ याद आ ही गए।”
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने एक वीडियो जारी कर कहा ”सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लौह पुरुष की तुलना जिन्ना से की है, अखिलेश यादव को पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए। जिन्ना ने हजारों हिंदुओं का कत्लेआम कराया और वह देश के बंटवारे के जिम्मेदार हैं।”
भाजपा सांसद ने कहा अखिलेश यादव जी सरदार पटेल की जयंती के एक दिन पहले आपके पिता जी (मुलायम सिंह यादव) ने 30 अक्टूबर, 1990 को अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवाई थी, मां सरयू का आंचल लाल हो गया था। यादव को लक्ष्य कर उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण में इतना नीचे मत गिरो।
अखिलेश यादव ने जिन्ना की तारीफ की
उल्लेखनीय है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना की, भारत की आजादी के लिए उनके योगदान की सराहना की थी। सपा प्रमुख ने कहा कि ”सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।’ उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लिए बिना कहा ‘अगर कोई विचारधारा (आरएसएस की) है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया था तो वह लौह पुरुष सरदार पटेल थे जिन्होंने प्रतिबंध लगाने का काम किया था।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ” आज, जो लोग देश को एकजुट करने की बात कर रहे हैं, वे आपको और मुझे जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं ।
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