BJP का केजरीवाल पर कटाक्ष, भाजपा की जीत ने लिखा नया राजनीतिक अध्याय
दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे भारतीय राजनीति के लिए बड़ा बदलाव लेकर आए हैं…
दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे भारतीय राजनीति के लिए बड़ा बदलाव लेकर आए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, जो दिल्ली की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। भाजपा की इस बड़ी जीत ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को झटका दिया है, जो पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी।
वही, इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए दिल्ली में चुनाव के दौरान किए वादे पूरे करने की बात कही है।
भाजपा की ऐतिहासिक जीत : –
– भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतीं, जो 71% स्ट्राइक रेट के साथ बड़ी सफलता है। जबकि आप पार्टी को 22 सीटें मिली हैं।
– पिछली बार (2020) की तुलना में भाजपा ने अपने वोट शेयर में 9% की वृद्धि की।
– आप को 40 सीटों का नुकसान हुआ और उनका वोट शेयर 10% घट गया।
– कांग्रेस का खाता नहीं खुला, हालांकि उनके वोट शेयर में 2% की वृद्धि दर्ज हुई।
आम आदमी पार्टी पर हमला : –
– भाजपा के नेताओं ने अरविंद केजरीवाल पर वादे पूरे न करने और “घमंड” का आरोप लगाया।
– भाजपा ने यमुना सफाई, प्रदूषण नियंत्रण, सड़क और सीवर जैसी समस्याओं को प्राथमिकता देने की बात कही है।
– भाजपा का कहना है कि वह विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी और दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी।
राजनीतिक माहौल : –
– भाजपा की इस जीत के बाद, अब चर्चा इस बात पर है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा।
– पार्टी का कहना है कि वह अपने चुनावी संकल्पों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक असर : यह जीत न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए एक नया अध्याय है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा के लिए एक मजबूत संदेश है। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए यह समय आत्ममंथन का है, खासकर जब उनकी लोकप्रियता और प्रदर्शन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
भाजपा के इस प्रदर्शन से दिल्ली की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे?
बता दें कि भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से उसने 48 सीटें जीती हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। इससे पहले भाजपा ने 1993 में 49 सीट जीतकर दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, जिसके बाद मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं। 1998 के बाद, कांग्रेस ने 15 साल तक शासन किया और 2013 से आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी। इस चुनाव में भाजपा ने 71 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें जोड़ी हैं। पार्टी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ, और उनका स्ट्राइक रेट 31 फीसदी रहा।
भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले अपने वोट शेयर में 9 फीसदी से अधिक की वृद्धि की है, जबकि आप का वोट शेयर लगभग 10 फीसदी घटा है। कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली, लेकिन उन्होंने अपने वोट शेयर में 2 फीसदी की वृद्धि की है।