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भाजपा के प्रयासों से एसवाईएल का फैसला हरियाणा के हक में आया

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11:41 AM Jul 03, 2017 IST | Desk Team

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भिवानी: भिवानी पहुंचे केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने एक समारोह में रखी गई मांगों पर लोगों को सरकार के खिलाफ उकसाते हुए कहा कि पहले अपनी मांगें विधायकों के समक्ष रखनी चाहिए और पूरी ना होने पर प्रदर्शन करने चाहिए। इस दौरान उन्होने समारोह में भावी सीएम के नारों पर कहा कि अभी मनोहरलाल सीएम हैं और भविष्य में ऐसा कोई फैसला हुआ तो उन्हे मंजूर होगा। बता दें कि प्रजापत समाज द्वारा श्री दक्ष प्रजापति भगवान की जंयति मनाई गई। इस जयंति समारोह में केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत मुख्य अतिथि के तौर पर और राजस्थान के जनस्वास्थ्य मंत्री सुधीर गोयल विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे। इस दौरान राव इंद्रजीत ने प्रजापत समारोह की तीन धर्मशालों के निर्माण के लिए 31 लाख रुपये देने की घोषणा की।

साथ प्रजापत समाज के लोगों द्वारा रखे गए मांग पत्र पर लोगों को अपनी ही सरकार के खिलाफ उकसाते हुए कहा कि ये मांगें पहले विधायकों के पास रखनी चाहिएं और पूरी ना होने पर प्रदर्शन करने चाहिएं। उन्होने कहा कि आज कोई भी राजा किसी की कोख से पैदा नहीं होता बल्कि राजा मतपेटी से पैदा होता है। उन्होने प्रजापत समाज को राजनितीक व नौकरी के तौर पर सक्षम होने की अपिल की। मीडिया से रूबरू हुए राव इंद्रजीत ने समारोह में उनके लिए लगे भावी सीएम के नारे पर कहा कि सीएम को भाजपा में कई लोगों की सहमती से बनाया जाता है। राव ने कहा कि फिलहाल मनोहरलाल को चुना गया है। साथ ही उन्होने कहा कि भविष्य में उनके लिए ऐसा कोई फैसला लिया गया तो उन्हे मंजूर होगा। जीएसटी पर बोलते हुए राव ने कहा कि ये फैसला देश को आर्थिक रुप से एक करने के लिए लिया गया है और इससे किमतें कम होंगी जिससे ये देश के लिए लाभकारी होगा।

भाजपा पर वादाखिलाफी के आरोपों के सवालों पर राव इंद्रजीत ने कहा कि वादे एक दो साल के लिए नहीं बल्कि पांच साल के लिए किए थे। उन्होने कहा कि वादे पूरे करने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं और सभी वादों पर पांच साल में रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा। एसवाईएल के सवाल पर राव ने कहा कि भाजपा पहली सरकार है जिसनें एसवाईएल को लेकर सुप्रिम कोर्ट में केस दायर कर फैसला करने की अपिल की और फैसला हरियाणा के हक में आया। वहीं इनेलों द्वारा एसवाईएल को लेकर 10 जुलाई को पंजाब के वाहन रोकने पर बोलते हुए कहा कि अब एसवाईएल की लङाई झगङे से नहींए बल्कि कानूनी लङाई से जीती जा सकती है।

(दीपक खंडेलवाल)

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