काली कमाई करने वालों की मौज! अब न लगेगा जुर्माना न होगी सजा, सरकार ने बदला नियम
Black Money New Law: काली कमाई करने वाले लोगों को हमेशा सरकार का डर रहता है। अब उन लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार ब्लैक मनी रखने वालों को तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने ब्लैक मनी कानून में बड़ा बदलाव किया है, जिससे छोटे टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत मिली है। काला धन रखने वालों पर अब न ही जुर्माना लगेगा और न ही सजा होगी। अब अगर किसी व्यक्ति के पास विदेश में बैंक खाता, शेयर या किसी और प्रकार की चल संपत्ति है, और अगर उसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग नहीं दी गई है तो उस पर जुर्माना नहीं लगेगा। लेकिन शर्त इतनी है कि उस संपत्ति की कीमत 20 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
Black Money New Law: सरकार ने बदला नियम
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने काला धन अधिनियम 2015 से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। 18 अगस्त, 2025 को जारी एक आंतरिक निर्देश के तहत यह निर्णय लिया गया है कि अब ऐसे छोटे मामलों में धारा 49/50 के तहत केस नहीं चलाया जाएगा, बशर्ते कि उन पर धारा 42/43 के तहत कोई जुर्माना न लगाया गया हो या लगाए जाने की स्थिति में न हो। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने काला धन अधिनियम 2015 से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। 18 अगस्त, 2025 को जारी एक आंतरिक निर्देश के तहत यह निर्णय लिया गया है कि अब ऐसे छोटे मामलों में धारा 49/50 के तहत केस नहीं चलाया जाएगा, बशर्ते कि उन पर धारा 42/43 के तहत कोई जुर्माना न लगाया गया हो या लगाए जाने की स्थिति में न हो।
Black Money and Income Tax: सभी को नहीं मिलेगी राहत
सरकार की यह छूट सभी के लिए नहीं है। जिन लोगों के खिलाफ 1 अक्टूबर, 2024 से पहले से ही केस चल रहा है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। यह नियम केवल उन्हीं लोगों पर लागू होगा जिनके पास 1 अक्टूबर, 2024 के बाद 20 लाख रुपये से कम मूल्य की विदेशी चल संपत्ति है और जिन पर अभी तक कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है। यह छूट केवल चल संपत्तियों पर ही है। मतलब, बैंक खाता, शेयर, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश। अगर किसी ने विदेश में घर या ज़मीन खरीदी है, तो उसे इस नियम का लाभ नहीं मिलेगा।
संशोधन करने का उद्देश्य
आयकर विभाग ने यह बदलाव इसलिए किया है ताकि छोटे मामलों पर ध्यान देने के बजाय बड़े मामलों पर ध्यान दिया जा सके। साथ ही, इस संशोधन का उद्देश्य उन व्यक्तियों को राहत प्रदान करना है जो अनजाने में छोटी विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने से चूक जाते हैं। ऐसे में अब किसी भी वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक कुल मूल्य की अघोषित विदेशी चल संपत्ति (जैसे बैंक खाते, शेयर या प्रतिभूतियां) के धारकों पर न तो जुर्माना लगाया जाएगा और न ही कोई मुकदमा चलाया जाएगा।