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धन्य-धन्य सतगुरू तेरा ही आसरा की बजाए वाहेगुरू की ओट में लौटे डेरा प्रेमी

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01:28 PM Sep 01, 2017 IST | Desk Team

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लुधियाना-अमृतसर-बठिण्डा : साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा घोषित होते ही डेरा समर्थकों में काफी निराशा पाई जा रही है, जहां एक तरफ धन्य-धन्य सतगुरू तेरा ही आसरा कहते हुए डेरा प्रेमी गुरमीत राम रहीम का गुनगान करते थकते नहीं थे वही सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दुष्कर्मी घोषित होते ही लोगों ने डेरा से अपना नाता तोडऩा शुरू कर दिया है।

जानकारी अनुसार पिछले 2 दिनों के अंतराल में कई दर्जन डेरा प्रेमियों ने दुनियावी साध का साथ छोड़ते हुए सिख धर्म में गुरू घर की वापिसी करनी शुरू कर दी है। गुरू की नगरी अमृतसर में अजनाला के गांव काजमपुर के 5 परिवारों के 21 सदस्यों ने आज डेरा सच्चा सौदा त्यागकर सिख धर्म में जहां वापिसी कर ली। इस अवसर पर उक्त परिवार ने राम रहीम की तस्वीरों और डेरे के प्रबंधकों द्वारा दिए गए सुरक्षा कवच रूपी लॉकट व जामे-इंसा को जमीं खोदकर मिटटी में दबा दिया।

जानकारी अनुसार सौदा के इस ढोंग से निकलकर जहां ग्रामीण वासी बहुत खुश दिखाई दिए वही गांव के गुरूद्वारा साहिब में इकटठे होकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज के आगे शीश नवाया और वाहे-गुरू का नाम सिमरन करते हुए अरदास दौरान अपनी भूले बख्शाई। गुरूद्वारा के प्रबंधकों ने भी उन्हें सिरौपा डालकर सिख कौम में शामिल किए जाने की घोषणा कर दी।

उधर मालवा के गढ़ बठिण्डा, मलौट में भी डेरा समर्थक काफी निराश है और उन्होंने भी अब गुरमीत राम रहीम समेत डेरे वालों का साथ छोडऩा शुरू कर दिया है। सरहंद नहर की बठिण्डा ब्रांच में बीती शाम गुरमीत राम रहीम और शाह सतनाम की तस्वीरे पानी में बहती हुई प्राप्त हुई। यह समस्त निशानियां डैन में आकर फंस गई थी जिन्हें सिंचाई विभाग के कर्मियों ने बाहर निकाल कर जमीं पर एकतरफ रख दिया। जानकारी अनुसार यह तस्वीरें अभी तक वही एक तरफ पड़ी हुई है। डेरा समर्थकों अनुसार जिन लोगों ने सतगुरू की तस्वीरे पानी में फेकी है वह दोगले चरित्र वाले लोग है। हालांकि डरा समर्थकों का दावा है कि भविष्य में डेरा की गतिविधियां उसी प्रकार चलती रहेंगी, जैसे कभी चला करती थी। मालवा के इलाका बठिण्डा स्थित सलामतपुरा डेरे समेत पंजाब के 92 के करीब डेरे सुनसान पड़े है। इक्का-दुक्का प्रबंधक और कर्मचारियों के अलावा वहां पंजाब पुलिस और सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी से खड़े दिखाई देते है।

– सुनीलराय कामरेड

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