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ब्लू व्हेल खतरा : हरियाणा में स्कूलों को छात्रों की काउंसिलिंग करने के निर्देश

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12:21 PM Aug 22, 2017 IST | Desk Team

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गुरूग्राम : हरियाणा बाल सरंक्षण आयोग (एचसीपीसी) ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों को ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ और ऐसी ही अन्य ऑनलाइन गेम्स के खतरे के बारे में छात्रों की काउंसिलिंग करने का परामर्श जारी किया है। एचसीपीसी ने स्कूलों को उन छात्रों पर करीबी नजर रखने के लिए भी कहा है जिनका व्यवहार ‘असामान्य’ दिख रहा है। परामर्श में सभी स्कूलों के प्रबंधन को पांचवीं से बाहरवीं कक्षा के छात्रों को ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ के जानलेवा, खतरनाक और नकारात्मक असर के बारे में शिक्षित करने और उन्हें जागरूक करने के लिए कहा है। इस ऑनलाइन गेम के कारण दुनियाभर में कई लोगों की जान गई है।

‘ब्लू व्हेल’ विवादित इंटरनेट गेम है जिनमें गेम के प्रशासकों द्वारा 50 दिनों की अवधि के लिए गेम खेलने वाले लोगों को कई टास्क दिए जाते हैं जिसमें आखिरी चुनौती के तहत उन्हें आत्महत्या करनी होती है। ब्लू व्हेल खेलने वाले प्लेयर को गेम के विभिन्न चरणों को पूरा करने के बाद तस्वीरें साझा करने के लिए कहा जाता है। इस गेम का सोशल मीडिया पर लिंक के जरिए लोगों के बीच प्रसार हो रहा है।

एचसीपीसी ने 17 बिंदुओं के परामर्श में स्कूलों को एहतियाती तौर पर डिजिटल निगरानी प्रणाली लगाने, फिल्टर्स, फायरवॉल लगाने, मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर मैकेनिज्म लगाने, इंटरनेट का प्रभावी इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। एचसीपीसी के एक सदस्य रमेश यादव ने कहा कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसी) के निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया है।

यादव ने कहा, ”हमने हरियाणा के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के प्रबंधन से सभी छात्रों और गुरूग्राम के स्कूलों में जागरूकता फैलाने के लिए कहा है। स्कूलों से यह भी कहा गया है कि अगर किसी छात्र का व्यवहार असामान्य दिखता है तो उस पर करीबी नजर रखी जाए और उसे उचित काउंसिलिंग मुहैया कराई जाए।” उन्होंने कहा, ”हमने स्कूलों से घर पर छात्रों की गतिविधियों पर करीबी नजर रखने के ऐसे ही दिशा-निर्देशों के साथ अभिभावकों को परामर्श की एक प्रति भेजने के निर्देश दिए हैं।”

यादव ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारियों को यह पता लगाने के वास्ते प्रतिक्रिया जुटाने और रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए दैनिक आधार पर स्कूलों में औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं कि क्या एचसीपीसी के दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

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