Pandit Jasraj की पत्नी का निधन, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में बनाई थी जगह
- पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री समेत दर्जनभर से ज्यादा प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने वाले Pandit Jasraj की पत्नी मधुरा जसराज का बुधवार को निधन हो गया
- मधुरा के निधन की खबर से बॉलीवुड में शोक की लहर है
कौन थे Pandit Jasraj?
पंडित जसराज मेवाती घराने के अप्रतिम गायक थे। भारत समेत पूरी दुनिया में संगीत जगत में पंडित जसराज का काफी नाम था। कनाडा के टोरंटो शहर के एक विश्वविद्यालय में पंडित जसराज के नाम की स्कॉलरशिप भी चलाई जाती है। साथ ही अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक संगीत भवन का नाम भी 'पंडित जसराज ऑडिटोरियम' रखा गया है। पंडित जसराज संगीत की दुनिया का एक चमकता सितारा रहे हैं। पंडित जसराज को पद्मविभूषण, पद्मभूषण, पद्मश्री, कालिदास सम्मान, संगीत नाटक अकादमी रत्न-सदस्यता, कांची कामकोटि का 'अस्थाना विद्वानम,' महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं पंडित जसराज को शांतिनिकेतन की मानद उपाधि ' देसिकोत्तम', उस्ताद हाफ़िज़ अली खां पुरस्कार, पंडित दीनानाथ मंगेशकर सम्मान, डागर घराना सम्मान, आदित्य विक्रम बिड़ला पुरस्कार, पंडित भीमसेन जोशी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, सुमित्रा चरतराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान सम्मान विशेष से भी नवाजा गया है। पंडित जसराज की पत्नी की निधन से उनके परिवार में शोक की लहर है।
Madhura Jasraj, wife of late legendary classical vocalist Pandit Jasraj, passes away
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— ANI Digital (@ani_digital) September 25, 2024
'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' को घर-घर पहुंचाया
गानों में अब भक्ति गीतों का भी फिल्मी गीतों से जलवा कम नहीं हैं। कई धार्मिक गाने यूट्यूब पर छाए रहते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि पंडित जसराज ने ही अपनी आवाज से भजनों को घर-घर तक पहुंचाने की शुरुआत की थी। पंडित जसराज ने 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय', और 'अच्युचतं केशवम्' जैसे श्लोकों को गायकी में बदलकर घर-घर में पहुंचाने का काम किया है।