कुत्तों के बाद अब कबूतरों पर भी एक्शन! Bombay High Court ने सुनाया ये फैसला
Bombay High Court ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा कबूतरों को दाना डालने पर लगाए गए प्रतिबंध को जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीएमसी को बिना उचित प्रक्रिया के इस तरह के फैसलों में बदलाव करने की इजाजत नहीं है। कोर्ट ने बीएमसी को फटकार भी लगाई और कहा कि किसी एक व्यक्ति की मांग पर नियमों में ढील देना ठीक नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Bombay High Court ने इस बात पर जोर दिया कि कबूतरों को दाना डालना केवल एक धार्मिक या भावनात्मक मामला नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। कबूतरों की बीट से हवा में हानिकारक तत्व फैल सकते हैं, जिससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। High Court ने कहा कि जब पहले स्वास्थ्य कारणों से दाना डालने पर रोक लगाई गई थी, तो अब उसे हटाने का कोई उचित कारण नहीं है।
खास समिति करेगी जांच
BMC के वकील रामचंद्र आप्टे ने High Court को जानकारी दी कि एक विशेष समिति बनाई गई है जो इस मामले में विस्तृत जांच करेगी। यह समिति यह देखेगी कि कबूतरों को दाना डालने से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही कोर्ट अंतिम फैसला लेगा।
फिलहाल सीमित अनुमति का प्रस्ताव
सुनवाई के दौरान BMC ने यह प्रस्ताव रखा कि सुबह 6 से 8 बजे तक कुछ खास शर्तों के साथ लोगों को कबूतरों को दाना डालने की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन High Court ने इस पर आपत्ति जताई और पूछा कि जब पहले जनहित में प्रतिबंध लगाया गया था, तो अब किसी एक व्यक्ति के आवेदन पर उसे क्यों बदला जा रहा है।
आवेदन देने वालों को मिली राहत
इस मामले में याचिका दायर करने वाले पक्ष के वकील हरीश जे. पांड्या ने कहा कि High Court ने पहले अस्थायी रूप से बीएमसी से अनुमति लेने की छूट दी थी। दो याचिकाकर्ताओं ने आवेदन दिए थे, जिनमें से एक आवेदन बीएमसी को मिला और दूसरा नहीं। कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि सभी आवेदनों की प्रतियां उन्हें गुरुवार तक उपलब्ध कराई जाएं।
BMC को कोर्ट की सख्त हिदायत
High Court ने साफ कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले बीएमसी को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसके तहत एक सार्वजनिक नोटिस जारी करना होगा और आम लोगों से इस विषय में राय लेनी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि पालिका को नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों और स्वास्थ्य की रक्षा का ध्यान रखना चाहिए।
Live-In Case: Gujarat के बनासकांठा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पिता और चाचा ने मिलकर अपनी बेटी को मौत के घाट उतार दिया. उस बेटी को जान से मारने की वजह सिर्फ इतनी थी कि वह Live-In रिलेशनशिप में रह रही थी. यह पूरा मामला थराद तहसील का है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामला यह है कि चंद्रिका और हरेश फरवरी में पालनपुर में मिले और दोनों के बीच प्यार हो गया. इस दौरान मई में चंद्रिका जब अपने घर शादी में गई तो परिवार ने उसे पालनपुर लौटने से मना कर दिया और उसकी शादी की तैयारी शुरू कर दी.
Live-In में रहने का किया फैसला
इस दौरान चंद्रिका ने हरेश को मैसेज कर कहा कि वह उसे ले जाए, वरना उसके घर वाले उसकी जबरन शादी कर देंगे. ऐसे में 4 जून को हरेश उसे अहमदाबाद ले आया, दोनों ने लिव-इन का करार किया और घूमने निकल पड़े.
परिवार ने की गुमशुदगी की दी शिकायत
ऐसे में चंद्रिका के घरवालों ने उसे लापता बताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। 12 जून को पुलिस ने चंद्रिका और हरेश को राजस्थान में खोज निकाला और गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने चंद्रिका को उसके परिवार के हवाले कर दिया, जबकि हरेश को कुछ पुराने केसों के चलते जेल भेज दिया गया।