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CM बनने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी में नया नाम जुड़ा कर्नाटक के बोम्मई परिवार का

कर्नाटक में मंगलवार को बसवराज बोम्मई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।

01:03 AM Jul 28, 2021 IST | Shera Rajput

कर्नाटक में मंगलवार को बसवराज बोम्मई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।

कर्नाटक में मंगलवार को बसवराज बोम्मई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही बोम्मई का नाम मुख्यमंत्री बनने वाले उन पिता-पुत्र की जोड़ी में शुमार हो जाएगा जिन्होंने विभिन्न राज्यों की कमान संभाली है।
उत्तरी कर्नाटक से आने वाले लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस आर बोम्मई के पुत्र हैं। वह 1988 से 1989 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे।
61 वर्षीय बोम्मई पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार में गृह, कानून, संसदीय एवं विधायी कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
बोम्मई से पहले कर्नाटक में एक और पिता-पुत्र की जोड़ी है जिसने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला और वह हैं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा का परिवार। देवेगौड़ा कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। बाद में उनके पुत्र एच डी कुमारस्वामी भी राज्य के मुख्यमंत्री बने।
वर्तमान में एक और दक्षिणी राज्य ऐसा है जहां के पिता-पुत्र की जोड़ी इस सूची में शामिल है। तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री एम के स्टालिन हैं और उनके पिता एम करूणानिधि भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
करूणानिधि के निधन के बाद स्टालिन ने पार्टी की कमान संभाली और पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को शानदार सफलता दिलाई तथा राज्य के मुख्यमंत्री बने।
इस सूची में आंध्र प्रदेश के रेड्डी परिवार का भी नाम शामिल है। वहां के वर्तमान मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के पुत्र हैं।
ओड़िशा के पटनायक परिवार का नाम भी इस सूची में प्रमुख स्थान रखता है। उनके पिता बीजू पटनायक भी ओड़िशा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
झारखंड में यह कारनामा पिछले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर हेमंत सोरेन ने कर दिखाया। उनके पिता शिबू सोरेन भी राज्य की कमान संभाल चुके हैं।
पिता-पुत्र के मुख्यमंत्री बनने की सूची में पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय का नाम भी शामिल है। वहां के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का नाम देश के उन चुनिंदा मुख्यमंत्रियों में शामिल है जो अपने पिता के बाद राज्य के शीर्ष पद पर काबिज होने में कामयाब रहे।
पड़ोसी राज्य अरूणाचल प्रदेश ने भी यह कारनामा कर दिखाया है। वहां के मुख्यमंत्री पेमा खांडू हैं और उनके पिता दोरजी खांडू भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इनके अलावा देश की राजनीति में पिता-पुत्र की और भी जोडि़यां शामिल हैं जिन्होंने अपने-अपने राज्यों में मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली।
इनमें उत्तर प्रदेश के मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव, जम्मू कश्मीर के अब्दुल्ला परिवार और महाराष्ट्र के चव्हाण परिवार के नाम शामिल हैं।
अब्दुल्ला परिवार की तो तीन पीढ़ियों को मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला। पहले शेख अब्दुल्ला राज्य के मुख्यमंत्री बने। उनके बाद उनके पुत्र फारूक अब्दुल्ला और फिर उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम भी इस सूची में शुमार है। उनके पिता शंकर राव चव्हाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
हरियाणा का चौटाला परिवार भी इस मामले में पीछे नहीं है। देवी लाल के बाद उनके पुत्र ओम प्रकाश चौटाला भी राज्य के मुख्यमंत्री बने। 
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