ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस स्टॉक्स में बूम
डिफेंस स्टॉक्स में ऑपरेशन सिंदूर का सकारात्मक प्रभाव
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय डिफेंस सेक्टर में निवेशकों का विश्वास बढ़ा, जिससे डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। कोचीन शिपयार्ड, GRSE और मझगांव डॉक के शेयरों में 15% तक की बढ़त देखी गई, जबकि पारस डिफेंस 20% के अपर सर्किट पर बंद हुआ। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 6% ऊपर रहा।
पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय डिफेंस सेक्टर में निवेशकों का भरोसा तेजी से बढ़ा है। शुक्रवार, 16 मई को डिफेंस से जुड़ी कई कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। कोचीन शिपयार्ड, गार्डन रीच शिप बिल्डर्स (GRSE) और मझगांव डॉक के शेयरों में 15% तक की तेजी रही, जबकि पारस डिफेंस का शेयर 20% के अपर सर्किट के साथ बंद हुआ। इसी दिन निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स भी 6% ऊपर रहा। ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि पाकिस्तान के साथ तनाव के मद्देनज़र सरकारी ऑर्डर्स में वृद्धि, घरेलू उत्पादन पर ज़ोर और डिफेंस निर्यात में संभावित बढ़ोतरी से डिफेंस कंपनियों के शेयरों में लगातार निवेश हो रहा है। कोचीन शिपयार्ड ने बीते 5 दिनों में 35% और GRSE ने 36% तक का रिटर्न दिया है।
पारस डिफेंस और PSU कंपनियों की मजबूत चाल
डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी पारस डिफेंस का शेयर 20% की तेजी के साथ ₹1,817 पर बंद हुआ। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में GRSE 10% चढ़कर ₹2,486 पर बंद हुआ, जबकि कोचीन शिपयार्ड 13% की तेजी के साथ ₹2,047 पर बंद हुआ। मझगांव डॉक में भी करीब 11% का उछाल दर्ज किया गया।
GRSE का मुनाफा सालाना 48% बढ़ा
गार्डन रीच शिप बिल्डर्स (GRSE) ने वित्त वर्ष 2025 में 48% की बढ़ोतरी के साथ ₹527 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया है। अकेले चौथी तिमाही में कंपनी का लाभ 118% बढ़कर ₹244 करोड़ पहुंच गया। बीते एक साल में GRSE के शेयर ने निवेशकों को 125% रिटर्न दिया है। डिफेंस सेक्टर में FY27 तक ₹8.45 लाख करोड़ के ऑर्डर्स मिलने की उम्मीद है। हाल ही में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने T-90 टैंक इंजन, वरुणास्त्र टॉरपीडो जैसे प्रोजेक्ट्स को ₹54,000 करोड़ की मंजूरी दी है। एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग के अनुसार, ‘मेक इन इंडिया’ के ज़रिए शिपयार्ड और रक्षा निर्माण कंपनियों को लंबे समय तक फायदा होगा। अभी देश के 65% रक्षा उपकरण घरेलू रूप से तैयार हो रहे हैं।
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चार साल में निर्यात चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य
सरकार ने वित्त वर्ष 2025 में घरेलू कंपनियों को ₹1.69 लाख करोड़ के डिफेंस ऑर्डर दिए हैं। इसी साल रक्षा निर्यात ₹23,622 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जो पिछले 10 सालों में 34 गुना बढ़ा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक भारत में ₹3 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन और निर्यात को हासिल किया जाए।