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भंगड़े और मलवई गिद्दे ने बढ़ाई रौनके, एकल प्रतियोगिताएं भी बनी आकर्षण का केंद्र

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01:37 PM Feb 03, 2018 IST | Desk Team

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लुधियाना-किलारायपुर : लुधियाना से 42 कि.मी. दूर विश्वविख्यात किलारायपुर के ग्रेवाल स्पोट्र्स एसोसिएशन द्वारा करवाए जा रहे तीन दिवसीय 82वें किला रायपुर खेल मेले का आगाज शुक्रवार को हुआ। मेले में बैल गाड़ी व घोड़ा दौड़ करवाने की मंजूरी न मिलने के कारण आयोजक और सैकड़ों खेल प्रेमी व दर्शकों में मायुसी देखने को मिली। वहीं कुत्तों की दौड़ करवाने के लिए मंजूरी लेने का प्रयास कर रहे आयोजको को शुक्रवार की सुबह सफलता मिली। मंजूरी मिलने से कुत्ते दौड़ाने के शौकीनो के चेहरे भी खिले नजर आए। क्योंकि प्रशासन की ओर से शुक्रवार की सुबह ही कुत्ते दौड़ाने की मंजूरी दी गई थी। उल्लेखनीय है कि वीरवार को गुरु नानक स्टेडियम में हुई प्रैसवार्ता के दौरान आयोजको ने स्पष्ट किया था कि उन्हें अभी तक डॉग रेस करवाने की परमिशन नहीं मिली है, जिसके संबंध में वह डिप्टी कमिशनर लुधियाना को भी पत्र सौंप चुके हैं। उन्होंने बताया था कि उन्हें उम्मीद है कि सुबह तक उन्हें जरूर मंजूरी मिल जाएगी। क्योंकि उनके पास पहले ही डॉग रेस के लिए 60 के करीब रजिस्ट्रेशन आ चुकी थी। मेले के दौरान एनिमल वैलफेयर बोडज़् के सदस्यों ने जानकारी दी कि 12 जनवरी तक उनके पास 60 कुतों की रजिस्ट्रेशन थी, जिसे उन्होंने पास करवाने के लिए चेन्नई स्थित बोडज़् के मुख्य ऑफिस में भेजा था। वहां से जवाब मिलने में ही उन्हें देर हो गई, जिसके बाद ही एसोसिएशन सदस्य डी.सी. के पास मंजूरी मत्र लेकर पहुंचे थे। आज सुबह ही उन्हें डी.सी. की तरफ से डॉग रेस करवाने की मंजूरी मिली है। 82वें किला रायपुर खेल मेले का रस्मी उद्घाटन ग्रेवाल स्पोज़्टस स्टेडियम में विधायक कुलदीप वैद् की तरफ से गुबारे छोडक़र किया गया। उन्होंने खिलाडियों की हौंसला अफजाई कर उन्हें अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया।

डाक्टरो की टीम रही मौजूद
इस बीच ग्राउंड में डॉग रेस के लिए बोर्ड के करीब 10 डाक्टर मौजूद रहे, जिन्होंने रेस से पहले कुत्तो की जांच की। वेटरिनरी आफिस के डाक्टर एसके वाही ने बताया कि एनिमल वेलफेयर का बोर्ड चेन्नई में है। 12 जनवरी को मंजूरी लेने के लिए पत्र भेजा गया था। उसके बाद तीन मैंबरी कमेटी बनाकर कुत्तो का फिटनेस सर्टीफिकेट दिया गया। फिर मंजूरी मिली है। आज की दौड़ में भी चार मैंबरी कमेटी की देखरेख में कुत्तो की दौड़ करवाई जा रही है। जिसमें एसडीएम वेस्ट, ग्रेवाल स्पोट्र्स एसोसिएशन के सचिव बलविंदर जग्गा, एनिमल वेलफेयर बोर्ड के मैंबर हरीश छाबड़ा और वेटरिनरी आफिस से डाक्टर एसके वाही शामिल है।

बैलगाडी दौड़ व घोड़ो के कर्तब देखने आए विदेशी मेहमान मायुस
किलारायपुर खेल मेले में बैल गाड़ी दौड़, घोड़ा दौड़ व घोड़े के कर्तव देखने आए विदेशी मेहमान उस समय मायुस दिखे जब उन्हें पता चला कि बैल गाड़ी व घोड़ो की दौड़ व कर्तव नहीं दिखाए जाएंगे। आस्ट्रेलिया से आए ऐश तथा स्पेन से आई फोटोग्राफर सुजैन ने बताया कि मैगजीन में किलारायपुर की खेलों के बारे में पढ़ा था। उसके बाद नेट से सर्च कर इस प्रतियोगिता की तारीख को देखा और उसके मुताबिक खेल मेले में शामिल हुए। यहां आकर पता चला कि बैलगाड़ी दौड़ और घोड़ा दौड़ व कर्तव किसी कारण वश नहीं हो पाएंगे। इससे मायुसी जरुर हुई है परंतु यहां होने वाले इवेंट को वह खूब आनंद उठाएंगे। वह तीन दिन किलारायपुर के खेले को देखेंगे इसके बात वह अगली यात्रा पर निकलेंगे। वह दो महीने के लिए टूर पर भारत आए है। इस दौरान ऐश ने टायर को शौकिया तौर पर उठाकर प्रतियोगिता में भाग लिया। वहीं पुणे से आई सुप्रिया और मंजरी ने बताया कि वह भी पहले बार किलारायपुर मेले में आई है। वह घोड़ो पर दिखाएं जाने वाले कर्तब को देखने व पंजाब के सभ्याचारक गतिविधियों के देखने के लिए आई है। घोड़े व बैल दौड़ न होने से वह मायुस जरुर है। परंतु इस दौरान होने वाले सभी कार्यक्रम व खेलों का आनंद उठाएंगी।

पहली बार दौड़े हीरो, डब्ल हीरो, स्नैपर डॉग
किलारायपुर खेल मेले में पहली बार भाग लेने के लिए हीरो, डब्ल हीरो, डॉग पहुंचे जबकि स्नैपर डॉग दूसरी बार पहुंचा। स्नैपर के मालिक बलजिंदर सिंह ने बताया कि पहले उन्हें लगा था कि इस बार कुत्तो की दौड़ नहीं होगी। जिससे वह एक समय मायुस जरुर हुए परंतु जैसे ही पता चला की परमिशन मिल गई है तो खुशी लौट आई। उन्होंने बताया कि वह सिर्फ शौंक के लिए कुत्तो को इस प्रतियोगिता में लाते है। इसके अलावा रोड विलर डॉग भी उन्हेंने पाला हुआ है। उन्होंने कहा कि यह डॉग खाने में फीड, दूध, घी, अंडे, चिकन आदि देते है। इस पर करीब 10 हजार के करीब खर्चा आता है। वहीं 3 से 4 किलो मीटर रोजाना वॉक भी करवाते है। हीरो व डब्ल हीरो के बारे में उसके मालिक ने बताया कि 14 महीने का हीरो व 16 महीने का डब्ल हीरो पहली बार इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आया है। इससे पहले डब्ल हीरो मलेरकोटला, तलवंडी भाई, मालपुरा, दुखाणवध में भाग लेकर पहली पांच पोजिशने हासिल कर चुका है।

पंजाबी भांगड़ा व मलवई गिद्दे ने नाचने को किया मजबूर
मेले के पहले दिन एथलेटिक इवेंट के साथ ही हॉकी गेम हुई। जबकि इस बीच पंजाबी भांगड़ा व मलवई गिद्दे ने सबको नाचने पर मजबूर कर दिया। जबकि पहले दिन की मुख्य आकषज़्ण बनी डॉग रेस, जो शाम को मैदान पर हुई। इसमें विभिन्न नस्लों के कुतों ने दौड़ लगाई। वहीं शाम को पंजाबी गायक हरबंस सहोता और बीबा रमन संधू ने अपने गीतों से दशज़्कों का मनोरंजन किया। हालांकि मेले का वो जोश व जुनून नहीं दिखा जो सालों पहले होता था। क्योंकि मेले के पहले दिन स्टेडियम में दशज़्कों की संख्या ना के बराबर रही। खिलाड़ी खेले जरूर लेकिन उन्हें तालियां नसीब नहीं हुई। मौजूद दशज़्कों का कहना था कि मेले में अब पहले जैसी बात नहीं रही इसीलिए दशज़्कों की संख्या घट रही है। उन्होंने कहा कि पहले बैलगाड़ी दौड़ के कारण विदेशों तक किला रायपुर खेलों की प्रसिद्ध थी। इस बार उन्हें लगता था कि बैल जरूर दौडेंगे। इसीलिए हम खेल मेले को देखने भी पहुंचे। लेकिन यहां आकर पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।

– सुनीलराय कामरेड, रीना अरोड़ा

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