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भाई बलवंत सिंह राजोआना ने जेल से भेजा खत, खत ने सिख कौम में लाया भूकंप

भाई बलवंत सिंह राजोआना की तरफ से पटियाला की केंद्रीय जेल से सिख कौम और तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के नाम पर एक खत जारी किया गया है।

04:48 PM Dec 10, 2019 IST | Shera Rajput

भाई बलवंत सिंह राजोआना की तरफ से पटियाला की केंद्रीय जेल से सिख कौम और तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के नाम पर एक खत जारी किया गया है।

लुधियाना-पटियाला : भाई बलवंत सिंह राजोआना की तरफ से पटियाला की केंद्रीय जेल से सिख कौम और तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के नाम पर एक खत जारी किया गया है। यह खत भाई बलवंत सिंह राजोआना की मुंहबोली बहन कमलदीप कौर ने मीडिया के नाम जारी किया। 
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उनका दावा है कि भाई बलवंत सिंह राजोआना ने यह खत बाबा नानक के 550वें गुरू पर्व से पहले लिखा था। लेकिन हालात के मध्यनजर उसे तब जारी नहीं किया गया था। सो अब इस खत को जारी करके शिरोमणि कमेटी की तरफ से कांग्रेस सरकार के साथ मिलकर मनाए गए गुरू पर्व पर नाराजगी जताई गई है।
 
इस पत्र के शुरू होने से पहले क मलदीप कौर लिखती है कि उन्होंने इस खत को पहले इसलिए जारी नहीं किया था क्योंकि भाई बलवंत सिंह राजोआना के विरूद्ध साजिशों का षडयंत्र शुरू हो सकता था। अब जब उनके विरूद्ध साजिशें शुरू हो ही चुकी है तो उन्होंने सिख कौम और श्री अकाल तख्त साहिब के नाम खत जारी किए जाने का फैसला लिया है। 
खत के मुताबिक सिंह साहिब जी पिछले दिनों श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जो यह आदेश जारी किया गया है कि श्री गुरूनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व धड़ेबंदी और पार्टी बाजी से ऊपर उठकर मिलकर मनाया जाएं। इस आदेश के बाद मेरे मन के अंदर उठे तूफान को मैं आप के साथ अपने मन के भाव सांझे तौर पर करना चाहता हूं। भाई राजोआना ने सिंह साहिब को संबोधित करते आगे लिखा कि आप की तरफ से 6 जून घल्लुधारा दिवस पर श्री अकाल तख्त साहिब से कोई लिखित संदेश जारी ना करना। 
आप के द्वारा कांग्रेसी हुकमरानों द्वारा तोड़े गए श्री अकाल तख्त साहिब और कांग्रेसी हुकमरानों के जुल्म की व्याख्या ना करना और 550वें प्रकाश पर्व की आड़ में कांग्रेसी हुकमरानों के साथ मिलकर प्रकाश पर्व मनाने के आदेश जारी करके इन कांग्रेसी हुकमरानों द्वारा किए गए जुल्मों और कुकर्मो को माफी देने के पीछे मुझे कोई बड़ी साजिश लगती है। इस साजिश के खिलाफ आवाज बुलंद करना मैं अपना धर्म समझता हूं। सो मैं आपका यह आदेश मानने से इंकार करके अपने गुरू साहिबान की कचहरी में सुर खरू होना चाहता हूं। 
– सुनीलराय कामरेड
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