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UP : EWS कोटे से असिस्‍टेंट प्रोफेसर बने बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई, जांच की उठी मांग

अरुण द्विवेदी का सिलेक्शन EWS (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) कोटे में मनोविज्ञान विभाग में हुआ है। अरुण द्विवेदी की नियुक्ति पर कांग्रेस हमलावर हो गई है।

02:23 PM May 23, 2021 IST | Desk Team

अरुण द्विवेदी का सिलेक्शन EWS (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) कोटे में मनोविज्ञान विभाग में हुआ है। अरुण द्विवेदी की नियुक्ति पर कांग्रेस हमलावर हो गई है।

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ.सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी, कपिलवस्तु में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है। अरुण द्विवेदी का सिलेक्शन EWS (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) कोटे में मनोविज्ञान विभाग में हुआ है। नियुक्ति पर कांग्रेस हमलावर हो गई है।
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मंत्री के भाई की EWS कोटे से नियुक्ति पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने ट्वीट करते हुए कहा, योगी के मंत्री का आपदा में अवसर। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्रिवेदी के छोटे भाई अरुण द्रिवेदी का सिद्धार्थ विश्वविध्यालय में EWS कोटे के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन होना मंत्री सतीश द्रिवेदी और यूनिवर्सिटी के कुलपति के भ्रष्टाचार की पोल खोलता है।
क्या है मामला 
दरअसल, असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन के बाद शुक्रवार को ही मंत्री के भाई ने सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में ज्वाइन किया है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने लगे। हालांकि कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे का कहना है कि मनोविज्ञान में करीब डेढ़ सौ आवेदन आए थे। मेरिट के आधार पर 10 आवेदकों का चयन किया गया। इसमें अरुण कुमार पुत्र अयोध्या प्रसाद भी थे। 
इन्हीं 10 का इंटरव्यू हुआ तो अरुण दूसरे स्थान पर रहे। इंटरव्यू, एकेडमिक व अन्य अंकों को जोड़ने पर अरुण पहले स्थान पर आ गए। इस वजह से इनका चयन हुआ है। ईडब्ल्यूएस का प्रमाणपत्र प्रशासन जारी करता है। शैक्षिक प्रमाणपत्र सही था। इंटरव्यू की वीडियो रिकार्डिंग उपलब्ध है।
प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे के मुताबिक उनके पास नियुक्ति प्रक्रिया के सारे साक्ष्य मौजूद हैं। उनका कहना है कि यदि कोई एजेंसी जांच भी करना चाहते है तो वह उसके लिए तैयार है। उनके मुताबिक, किसी मंत्री के भाई होने की वजह से किसी की योग्यता कम नहीं हो जाती। उन्होंने अपने पास किसी भी तरह की सिफारिश आने की बात का भी खंडन किया।
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